joharcg.com सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, और इस वर्ष के सावन के तृतीय सोमवार को वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों ने विशेष पूजा और अर्चना की। यह दिन भगवान शिव की आराधना के लिए खास महत्व रखता है, और इस अवसर पर मंदिर परिसर भक्तों से भरा हुआ था।
सावन के इस तृतीय सोमवार पर काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। भक्तों ने सुबह से ही मंदिर के दर्शन के लिए लंबी कतारें लगाईं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के लिए उत्सुक नजर आए। इस दौरान, मंदिर में भव्य सजावट की गई थी और विशेष रूप से जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, और महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण किया गया।
श्रद्धालुओं ने इस दिन विशेष पूजा अर्चना के दौरान अपने पापों से मुक्ति और जीवन में सुख-शांति की कामना की। मंदिर परिसर में भगवान शिव के भक्तों ने शिवलिंग पर दूध, जल, फूल, और बेलपत्र चढ़ाकर भक्ति की भावना प्रकट की। भव्य आयोजन के बीच, स्थानीय पंडितों और पुजारियों ने भी भक्तों को धार्मिक शिक्षाएं दी और उनके द्वारा किए गए कर्मों का फल प्राप्त करने के उपाय बताये।
इसके अतिरिक्त, सावन के इस पवित्र सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष भजन-कीर्तन और धार्मिक प्रवचन का आयोजन भी किया गया। भक्तों ने भजन सुनकर और धार्मिक प्रवचन सुनकर आध्यात्मिक आनंद प्राप्त किया। मंदिर के गर्भगृह में इस दिन की विशेष पूजा ने धार्मिक वातावरण को और भी दिव्य बना दिया। स्थानीय प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए थे। पार्किंग, पेयजल, और भीड़ नियंत्रण के उपाय किए गए थे ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। पुलिस बल की तैनाती भी की गई थी ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और श्रद्धालुओं की यात्रा सुखद रहे।
सावन के तृतीय सोमवार की इस धार्मिक अनुष्ठान ने काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों को एक नई ऊर्जा और विश्वास का अनुभव कराया। यह दिन श्रद्धा और भक्ति की गहराई को उजागर करने वाला था और भक्तों को जीवन की कठिनाइयों से पार पाने के लिए प्रेरित किया। सावन के तीसरे सोमवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालु ने पूजा-अर्चना की| इस अवसर पर अहमदाबाद के परमेश्वर महादेव मंदिर में भी पूजा-अर्चना की गई। इस मंदिर में शिव-पार्वती की पूजा की जाती है और यहाँ दर्शनार्थियों की भी खूब भीड़ जुटी रहती है|
सोमवार को सावन का महीना शिवभक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है| इस दिन की धरा में किसी भी जगह भगवान शिव की मूर्ति को सिंदूर, धातू, बिल्वपत्र और गंगाजल से सजाकर पूजा की जाती है| सावन का महीना हिन्दू पञ्चांग के अनुसार चार महीनों या एकत्र नवरात्रि मास कहलाता है, जिसमें भगवान शिव और मां पार्वती का पूजन विशेष माना जाता है|
काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के प्रमुख दरबार के रूप में जाना जाता है| यहाँ पर आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएँ पूरी करने के लिए अपने जीवन का हर पल भगवान शिव को समर्पित करते हैं| इस मंदिर में भक्तों की भीड़ ने सावन के तीसरे सोमवार को एक अद्वितीय और धार्मिक माहौल बनाया| इस समय मंदिर में ध्वनि, आरती और भजनों की गूंज होती रही, जिससे श्रद्धालुओं को आनंदमय और चैतन्य महसूस होता रहा| यह संतोषदायक अनुभव है जो इन श्रद्धालुओं को शिव के पास निकट ले जाता है|
काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव का एक महत्वपूर्ण श्रीक्षेत्र है और हर सोमवार को यहाँ श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है| इसके अलावा यहाँ आने वाले दर्शनार्थी भक्तों को एक शांत, ध्यानमूलक और पवित्र वातावरण प्राप्त होता है| इस दिन को यहाँ यात्रियों ने भगवान शिव की आराधना करते हुए अहमदाबाद के परमेश्वर महादेव मंदिर में भगवान की उपासना की और इस महीने की प्रार्थनाएँ की| इस सावन के महीने में अगला सोमवार भगवान शिव के पवित्र अनुग्रह की प्राप्ति के लिए यह अवसर और भी धर्मिकता भरा होगा|,Vishnu Deo Sai Archives – JoharCG