joharcg.com रायसेन में हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कई लंबित मामलों का निपटारा किया गया, जिससे स्थानीय नागरिकों को त्वरित और सुलभ न्याय प्राप्त हुआ। इस लोक अदालत का आयोजन देशभर के न्यायालयों में लंबित मामलों के त्वरित समाधान के उद्देश्य से किया गया था, जिसमें रायसेन भी शामिल था।
राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य अदालतों में वर्षों से लंबित पड़े मामलों का निपटारा करना है, ताकि नागरिकों को तेजी से न्याय मिल सके और अदालतों पर बढ़ते बोझ को कम किया जा सके। यह एक महत्वपूर्ण न्यायिक पहल है, जो सुलह और आपसी सहमति के आधार पर विवादों को हल करने की दिशा में काम करती है। लोक अदालतों में ज्यादातर दीवानी, फौजदारी, पारिवारिक विवाद, और राजस्व मामलों को सुलझाया जाता है।
रायसेन में आयोजित इस लोक अदालत में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे, जिनके मामलों का निपटारा बिना लंबी कानूनी प्रक्रियाओं के किया गया। स्थानीय न्यायालयों और वकीलों ने मिलकर कई मामलों को आपसी सहमति और सुलह के जरिए हल किया। इस लोक अदालत में कई प्रमुख मामलों का निपटारा हुआ, जिसमें दीवानी मामलों से लेकर संपत्ति विवाद, पारिवारिक मामलों और छोटे-मोटे फौजदारी मामलों को भी शामिल किया गया।
रायसेन में इस लोक अदालत के माध्यम से कई परिवारों को राहत मिली, जिनके मामले लंबे समय से अदालत में लंबित थे। त्वरित निपटारे ने न केवल लोगों के समय और धन की बचत की, बल्कि आपसी विवादों को भी शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया गया।
लोक अदालत में निपटारे की प्रक्रिया अपेक्षाकृत सरल और त्वरित होती है। मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सुलह और सहमति के आधार पर समाधान प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है। अगर दोनों पक्ष किसी समाधान पर सहमत हो जाते हैं, तो अदालत उसे मान्यता देती है और मामले का निपटारा हो जाता है।
राष्ट्रीय लोक अदालत जैसी पहलें देश की न्यायिक प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इससे न केवल अदालतों पर लंबित मामलों का बोझ कम होता है, बल्कि नागरिकों को भी तेजी से न्याय प्राप्त होता है। रायसेन में इस तरह की लोक अदालत का सफल आयोजन भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है कि न्यायिक प्रणाली में सुधार की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
रायसेन में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन एक सफल न्यायिक पहल साबित हुआ, जिसमें कई लंबित मामलों का समाधान किया गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि लोक अदालतें त्वरित न्याय की दिशा में एक मजबूत माध्यम हैं और नागरिकों को सुलभ, कम खर्चीला और समयबद्ध न्याय प्रदान करने में मददगार हैं।
रायसेन । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली और म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर ने निर्देशानुसार अनिल कुमार सोहाने प्रधान जिला न्यायाधीश /अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायसेन के मार्गदर्शन में जिला मुख्यालय, रायसेन और समस्त तहसील न्यायालयों में वर्ष 2024 की तृतीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन सफलतापूर्वक किया।
नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला न्यायाधीश और अध्यक्ष सोहाने द्वारा मां सरस्वती की मूर्ति पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित किया गया। इस कार्यक्रम में अनिल कुमार सोहाने के साथ उषा गेडाम विशेष न्यायाधीश, एट्रोसिटी अधिनियम रायसेन, सचिन जैन प्रथम जिला न्यायाधीश, राजीव राव गौतम सचिव, महेश कुमार माली द्वितीय जिला न्यायाधीश, राजेन्द्र सिंह शाक्य मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायिक मजिस्ट्रेट अतुल यादव, दीपिका यादव, रेणुका बारिया, सौम्या साहू अस्थाना, जिला विधिक सहायता अधिकारी अनीस उद्दीन अब्बासी, बिजली विभाग, नगर पालिका, बीएसएनएल और बैंकों के अधिकारी, विनयकांत चतुर्वेदी जिला अधिवक्ता संघ रायसेन सहित पैरालीगल वॉलेंटियर्स और पक्षकारगण शामिल हुए।
जिले में राजीनामा योग्य मामलों का निवारण के लिए न्यायाधीशों द्वारा कुल 23 खंडपीठों का गठन किया गया। उक्त लोक अदालत में 953 मामले और 2982 प्री-लिटिगेशन मामले निराकृत हुए। इन मामलों का कुल समझौता राशि 12,86,58,041 रुपये रही और 5080 व्यक्ति लाभान्वित हुए। समझौते के बाद पक्षकारगण को पौधे वितरित किए गए। लोक अदालत में पक्षकारों में खुशी की लहर देखी गई और लोग राजीखुशी अपने विवाद भुलाकर घर की ओर रवाना हुए।,