joharcg.com मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य की सीमाओं की पुनः जांच और निर्धारण के लिए एक नया सीमा आयोग गठित किया है। यह कदम राज्य की सीमाओं से संबंधित विवादों और अनसुलझे मुद्दों को सुलझाने के लिए उठाया गया है। नया सीमा आयोग राज्य की सीमाओं की मौजूदा स्थिति का विश्लेषण करेगा और आवश्यक सुधारों की सिफारिश करेगा।
राज्य सरकार ने इस आयोग का गठन ऐसे समय में किया है जब सीमाओं के संबंध में विभिन्न मुद्दे और विवाद उत्पन्न हो रहे हैं। आयोग की जिम्मेदारी होगी कि वह राज्य की सीमाओं की स्थिति का गहन अध्ययन करे और इससे संबंधित समस्याओं को समाधान की दिशा में अग्रसर करे।
नए सीमा आयोग के गठन का उद्देश्य सीमाओं से संबंधित विवादों को सही ढंग से निपटाना है, जिससे भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं से बचा जा सके। यह आयोग सीमाओं की वैधता, स्थानीय जनसंख्या, और संबंधित कानूनी प्रावधानों का विश्लेषण करेगा और सरकार को सटीक और पारदर्शी रिपोर्ट प्रदान करेगा।
एमपी सरकार ने कहा कि इस आयोग के माध्यम से वे सुनिश्चित करना चाहते हैं कि राज्य की सीमाएं स्पष्ट और विवाद-मुक्त हों। यह आयोग सीमाओं के पुनर्निर्धारण के लिए आवश्यक सिफारिशें प्रस्तुत करेगा, जिनके आधार पर भविष्य की योजनाएं बनाई जाएंगी।
इस कदम से न केवल राज्य की सीमाओं की स्थिति स्पष्ट होगी, बल्कि यह स्थानीय प्रशासन और विकास कार्यों के लिए भी एक ठोस आधार प्रदान करेगा। आयोग का गठन एक सकारात्मक कदम है, जो मध्यप्रदेश के विकास और प्रशासनिक कार्यों को सुगम बनाने में सहायक होगा।
मध्य प्रदेश की भूमि और लोगों की बड़ी संख्या की वजह से सीमाओं और जिलों की संख्या की जांच के लिए नया परिसीमन आयोग गठित किया गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में यह नया आयोग गठित किया गया है। नए आयोग का नेतृत्व मुख्य सचिव स्तर के सेवानिवृत्त अधिकारी मनोज श्रीवास्तव करेंगे।
मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि पिछले साल ही इस परियोजना पर काम शुरू किया गया था और विकास के साथ समय की मांग है। देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य मध्य प्रदेश में अनेक विसंगतियां हैं जिन्हें सुधारने की जरूरत है।
मध्य प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में नए जिले गठित किए गए हैं और जिलों की संख्या बढ़ गई है। इसके साथ ही अनेक जिलों में समस्याएं हैं जो युक्तिकरण के माध्यम से हल हो सकती है। मुख्यमंत्री ने अवगत कराया कि जिलों की संख्या बढ़ने के साथ ही कई लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है तकि वे जिला या संभागीय मुख्यालय तक पहुंच सकें। इसलिए युक्तिकरण की आवश्यकता है।
सरकार ने पुलिस थानों की सीमाओं को फिर से परिभाषित करने के बाद अब जिलों की संख्या की जांच के लिए इस नए परिसीमन आयोग की गठन किया है। इससे जिलों में सुधार किया जा सकेगा और लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकें। साथ ही, मध्य प्रदेश में सकारात्मक परिवर्तन और विकास के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।,