joharcg.com मध्यप्रदेश ने नशा मुक्त भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है, जो राज्य के लोगों को नशे की बुरी लत से मुक्ति दिलाने के लिए व्यापक कार्यक्रमों और जागरूकता अभियानों के माध्यम से साकार हो रही है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में इस अभियान का उद्देश्य समाज को नशे के दुष्प्रभावों से बचाना और एक स्वस्थ और सुरक्षित जीवन शैली को बढ़ावा देना है।
नशे की लत को नियंत्रित करने और नशा पीड़ितों के पुनर्वास के लिये मध्यप्रदेश में व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के “नशीली दवाओं की मांग में कमी लाने हेतु राष्ट्रीय कार्ययोजना” (NAPDDR) के अंतर्गत प्रदेश के 31 जिलों में Addiction Treatment Facilities (ATF) सेन्टर की स्थापना की जाएगी। यह कदम नशामुक्त भारत अभियान को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
मध्यप्रदेश सरकार ने नशा मुक्ति के लिए विभिन्न स्तरों पर जागरूकता अभियान शुरू किए हैं। स्कूलों, कॉलेजों, और कार्यस्थलों पर विशेष कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन किया जा रहा है, जहां विशेषज्ञों द्वारा नशे के दुष्प्रभावों और इससे बचने के उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को नशे की बुरी लत से बचाने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
सामान्य अस्पतालों में हो सकेगा नशा पीड़ितों का उपचार : मंत्री श्री कुशवाह
मंत्री श्री कुशवाह ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत, प्रदेश में 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर 2024 के बीच इन एटीएफ सेन्टर्स की स्थापना अनिवार्य रूप से की जाएगी। इसके लिए सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि वे मेडिकल वार्ड में आवश्यक तैयारियों को सुनिश्चित करें और नशा पीड़ितों के लिए विशेष सुविधाओं की व्यवस्था करें।
नशा मुक्त मध्यप्रदेश अभियान में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है। स्थानीय समुदायों, पंचायतों, और गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर नशे के खिलाफ लड़ाई को मजबूत किया जा रहा है। विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों के साथ मिलकर नशे के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।
प्रदेश के 31 जिले आगर-मालवा, अलीराजपुर, अनुपपूर, अशोकनगर, बडवानी, बैतूल, बुरहानपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, देवास, धार, हरदा, झाबुआ, कटनी, खरगौन, मण्डला, निवाड़ी, श्योपुर, उज्जैन, राजगढ़, शहडोल, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, उमरिया, मऊगंज, मेहर एवं पार्डुना में एटीएफ सेंटर प्रारंभ होंगे। ये सेंटर नशा मुक्त भारत अभियान को और अधिक मजबूती प्रदान करेंगे।
नशा मुक्ति के लिए पुनर्वास केंद्रों की स्थापना भी की जा रही है। इन केंद्रों में नशे के आदी लोगों को चिकित्सा, काउंसलिंग, और पुनर्वास सेवाएं प्रदान की जा रही हैं, ताकि वे नशे की लत से पूरी तरह मुक्त होकर सामान्य जीवन जी सकें। इन केंद्रों में विशेषज्ञ चिकित्सक, मनोचिकित्सक, और समाजसेवी नियमित रूप से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
मध्यप्रदेश सरकार ने नशा मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सख्त कानूनों और प्रवर्तन उपायों को भी लागू किया है। अवैध नशे के व्यापार और उत्पादन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। पुलिस और प्रशासन को इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं।
मध्यप्रदेश में नशा मुक्त भारत अभियान के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। जागरूकता अभियान और पुनर्वास केंद्रों के माध्यम से हजारों लोगों को नशे की लत से मुक्त किया जा चुका है। सरकार की योजना है कि इस अभियान को और व्यापक बनाया जाए, ताकि राज्य का हर व्यक्ति नशे के दुष्प्रभावों से सुरक्षित रह सके।
नशा मुक्त भारत की दिशा में मध्यप्रदेश का यह कदम सराहनीय है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की नेतृत्व में सरकार ने नशे के खिलाफ जंग छेड़ दी है, जिससे न केवल नशे की लत से प्रभावित लोगों को राहत मिल रही है, बल्कि समाज में जागरूकता भी बढ़ रही है। यह अभियान नशा मुक्त भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो आने वाले समय में और भी मजबूत होगा।