joharcg.com जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि उज्जैन के लिए स्वीकृत सेवराखेड़ी- सिलारखेड़ी परियोजना का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। यह परियोजना के क्षिप्रा नदी को निरंतर प्रवहमान बनाएगी। मंत्रि-परिषद द्वारा स्वीकृत 614 करोड़ 53 लाख रुपए की इस परियोजना में सिलारखेड़ी जलाशय की ऊंचाई बढ़ाई जाकर इसकी जल संग्रहण क्षमता में वृद्धि की जाएगी। इस परियोजना से उज्जैन जिले के लगभग 65 ग्रामों की 18 हजार 800 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी।
मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि परियोजना में ग्राम सेवराखेड़ी में बैराज बनाया जाएगा तथा इसमें वर्षा ऋतु में संग्रहीत पानी को लिफ्ट करके सिलारखेड़ी जलाशय में पहुंचाया जाएगा। सिलारखेड़ी जलाशय की वर्तमान ऊंचाई बढ़ाई जाएगी, जिससे इसमें अधिक जल संग्रहित हो सके। सेवराखेड़ी से सिलारखेड़ी तक पानी पाइप-लाइन से लिफ्ट कर लगभग 6.5 किलोमीटर पहुंचाया जाएगा, फिर सिलारखेड़ी से 7 किलोमीटर लंबी पाइप-लाइन से इसे ग्राम कुनवारिया के समीप क्षिप्रा नदी में प्रवाहित किया जाएगा। छोड़ा गया पानी क्षिप्रा नदी में श्रद्धालुओं के स्नान आदि के उपयोग के बाद नीचे चितावाद बांध में एकत्र होगा, जिससे लगभग 18 हजार 800 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी।
उल्लेखनीय है कि इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए लंबे समय से मांग की जा रही थी, जिसे अब मंत्रि-परिषद की मंजूरी मिल चुकी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्षिप्रा नदी को निरंतर प्रवहमान बनाकर आगामी सिंहस्थ-2028 में श्रद्धालुओं को स्नान के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध कराना है। साथ ही भविष्य में पानी की उपलब्धता बनाए रखने तथा प्रवाहित पानी को चितावद बांध में रोककर, सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना है।