मथुरा कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज की

खजुराहो मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने मुस्लिम पक्ष की ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत दायर की गई आपत्ति वाली याचिका को खारिज कर दिया। इस निर्णय ने विवादित मामले के कानूनी पहलू में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाया है।

मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के विवाद में हिंदू और मुस्लिम पक्षों के बीच लंबे समय से कानूनी संघर्ष चल रहा है। हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद का ढाई एकड़ क्षेत्र भगवान कृष्ण के गर्भगृह पर स्थित है और यह मस्जिद नहीं बल्कि मंदिर की भूमि है। इसके विपरीत, मुस्लिम पक्ष का तर्क है कि यह विवाद 1968 के समझौते से संबंधित है और इतने सालों बाद इस समझौते को चुनौती देना उचित नहीं है।

हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलील को अस्वीकार करते हुए कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य है। मुस्लिम पक्ष ने ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत तर्क दिया था कि यह मामला पूजा स्थल अधिनियम 1991 और वक्फ एक्ट के तहत सीमित समय के दायरे में आता है और इसलिए इसे सुनवाई के योग्य नहीं माना जा सकता। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया और मामले की सुनवाई को जारी रखने का निर्णय लिया।

हिंदू पक्ष ने कोर्ट में दावा किया कि शाही ईदगाह मस्जिद की स्थिति श्रीकृष्ण जन्मभूमि की भूमि पर है, और पूजा स्थल अधिनियम या वक्फ एक्ट इस मामले पर लागू नहीं होता। उनका कहना है कि 1968 के समझौते के तहत मंदिर की भूमि को शाही ईदगाह कमेटी को सौंपना कानूनी नियमों के खिलाफ था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह निर्णय मामले में आगामी कानूनी प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकता है। अब, मामले की अगली सुनवाई में दोनों पक्षों के तर्कों की विस्तार से समीक्षा की जाएगी। इस फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि वे उच्चतम न्यायालय में अपील करने की योजना बना रहे हैं।