joharcg.com मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में उर्वरक की कालाबाजारी और अवैध भंडारण की बढ़ती चिंताओं को लेकर अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे उर्वरक की मांग बढ़ती है, वैसे-वैसे कालाबाजारी, अवैध भंडारण और नकली उर्वरक निर्माण की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। इसलिए, उन्होंने पुलिस के सहयोग से निरीक्षण और चेकिंग की व्यवस्था को सख्त करने के निर्देश दिए हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कालाबाजारी करने वालों, मिलावट और नकली उर्वरक खपाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का संकल्प लिया है। उन्होंने विशेष रूप से उर्वरक के अवैध परिवहन पर नियंत्रण के लिए जिले से जिले तक उर्वरक मूवमेंट की निगरानी करने का निर्देश दिया।
डॉ. यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टर-कमिश्नर के साथ सोयाबीन उपार्जन, खाद की उपलब्धता और वितरण की व्यवस्था पर चर्चा की। उन्होंने आश्वस्त किया कि खरीफ 2024-25 के लिए प्रदेश में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। साथ ही, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए प्रदेश में उपार्जन के समुचित प्रबंधन के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध
मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एनपीके और लिक्विड नैनो यूरिया के उपयोग के लिए किसानों को जागरूक किया जाना चाहिए। यह न केवल किसानों को लाभ पहुंचाएगा बल्कि देश की अन्य राष्ट्रों पर निर्भरता को भी कम करेगा।
मुख्यमंत्री ने समत्व भवन से सोयाबीन उपार्जन, खाद उपलब्धता और वितरण की वीसी से की समीक्षा
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकरण की प्रक्रिया की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पंजीकरण की प्रक्रिया 25 सितंबर से शुरू हो चुकी है और यह 20 अक्टूबर तक चलेगी। इस प्रक्रिया में किसानों को ऑनलाइन भुगतान किया जाएगा।
बैठक में सहकारिता मंत्री श्री विश्वास सारंग और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों से अपील की कि वे वितरण प्रणाली में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए तत्पर रहें।