joharcg.com इंदौर: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इंदौर ने एक महत्वपूर्ण तकनीकी कोशिश में एक नए प्रयोग का सफलतापूर्वक प्रमाणित किया है। यहाँ पर IIT इंदौर ने जूते डिज़ाइन किए हैं जो हर कदम पर बिजली उत्पन्न करते हैं। इस प्रयोग में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ सहयोग किया गया है। इस नए जूते को ट्राइबो-इलेक्ट्रिक नैनोजेनरेटर (टीईएनजी) पर आधारित तकनीक से डिज़ाइन किया गया है।
यह जूते ऐसे बनाए गए हैं कि जब भी कोई इन पर चलता है, तो उसके हर कदम पर बिजली पैदा होती है। इस तरह के जूतों की कई संभावनाएं हैं, जैसे कि इन्हें वायरलेस चार्ज के लिए उपयोग किया जा सकता है या इनका उपयोग विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जा सकता है। इस प्रौद्योगिकी से न केवल मनोरंजन वाले उपकरणों के लिए विकल्प मिलेगा, बल्कि इससे बच्चों के लिए शीतलकरण जूते भी बनाए जा सकते हैं। इससे ऐसे लोगों की समस्या का समाधान भी किया जा सकता है जो बिजली के अभाव में परेशान रहते हैं।
इस प्रयोग से सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है, जो पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। इसके अलावा, इस प्रयोग से ऊर्जा की बचत भी होगी और भविष्य में इससे कई उपयोगिता प्राप्त की जा सकती है। इस प्रकार की नवाचारी तकनीक से हमें एक कदम आगे बढ़ने का अवसर मिलता है। इससे हमारे जीवन में और भी उत्थान आ सकता है और हम एक स्वच्छ और समृद्ध भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।,
IIT इंदौर के वैज्ञानिकों ने एक अद्वितीय और अभिनव खोज की है जो ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। उन्होंने ऐसे जूतों का निर्माण किया है जो प्रत्येक कदम पर बिजली उत्पन्न करते हैं। यह खोज न केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह हमारे रोजमर्रा के जीवन को भी बेहतर बनाने की क्षमता रखती है।
IIT इंदौर के शोधकर्ताओं ने इन जूतों में एक विशेष प्रकार की पाईज़ोइलेक्ट्रिक सामग्री का उपयोग किया है। जब भी कोई व्यक्ति इन जूतों को पहनकर चलता है, तब इस सामग्री में दबाव उत्पन्न होता है और यह दबाव इलेक्ट्रिक चार्ज में बदल जाता है। इस प्रक्रिया से उत्पन्न बिजली को एक छोटे बैटरी पैक में संग्रहित किया जाता है, जिसे बाद में विभिन्न उपकरणों को चार्ज करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
यह आविष्कार ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई क्रांति का संकेत है। इन जूतों के माध्यम से उत्पन्न बिजली का उपयोग छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल फोन, फिटनेस बैंड, और स्मार्ट घड़ियों को चार्ज करने के लिए किया जा सकता है। इससे न केवल ऊर्जा की बचत होगी, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि यह एक स्थायी और हरित ऊर्जा स्रोत है।
बिजली उत्पन्न करने वाले इन जूतों का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इन्हें रोजमर्रा की जिंदगी में आसानी से उपयोग किया जा सकता है। चाहे आप जॉगिंग कर रहे हों, कार्यालय जा रहे हों या बाजार में खरीदारी कर रहे हों, आप हर कदम के साथ बिजली उत्पन्न कर सकते हैं। यह आविष्कार खासतौर पर उन क्षेत्रों में बेहद उपयोगी साबित हो सकता है जहाँ बिजली की उपलब्धता सीमित है।
IIT इंदौर ने हमेशा से ही नवाचार और अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस आविष्कार के साथ, उन्होंने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि भारतीय संस्थान वैश्विक स्तर पर नवीनतम तकनीकी विकास में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। इस परियोजना के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. अनिल शर्मा ने कहा, “हमारा उद्देश्य ऐसे समाधान प्रदान करना है जो न केवल तकनीकी रूप से उन्नत हों, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी लाभकारी हों।”
बिजली उत्पन्न करने वाले इन जूतों की संभावनाएँ अपार हैं। इन्हें भविष्य में और भी उन्नत और उपयोगी बनाने के लिए कई सुधार और अनुसंधान किए जा सकते हैं। इसके साथ ही, इन जूतों की कीमत को भी कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि यह आम जनता के लिए आसानी से उपलब्ध हो सके।
IIT इंदौर द्वारा विकसित बिजली उत्पन्न करने वाले जूते एक महत्वपूर्ण और अभिनव आविष्कार हैं जो ऊर्जा उत्पादन और स्थायित्व के क्षेत्र में नए आयाम खोल सकते हैं। इस खोज ने न केवल तकनीकी दुनिया को चौंकाया है, बल्कि आम जनता के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखती है।