ग्वालियर के सरकारी अस्पताल

joharcg.com ग्वालियर के सरकारी जया आरोग्य अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आज एक गंभीर आग लगने की घटना सामने आई है, जिससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई है और मरीजों की जान को खतरा उत्पन्न हो गया है।

सुबह के समय आईसीयू वार्ड में आग लगने की सूचना मिलते ही अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों और फायर ब्रिगेड ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किया। आग के कारण आईसीयू में भर्ती कई गंभीर मरीजों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया गया है।

अस्पताल प्रशासन ने इस घटना के संबंध में एक आपातकालीन बैठक बुलाई है और जांच के आदेश दिए हैं कि आग लगने के कारणों का पता लगाया जा सके। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग के कारण अस्पताल की पूरी इमारत में धुआं फैल गया था, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।

फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया और अब अस्पताल के आईसीयू वार्ड को पूरी तरह से सुरक्षित कर दिया गया है। राहत कार्यों के दौरान, अस्पताल के अन्य वार्ड और सुविधाओं को भी चेक किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई और खतरा नहीं है।

इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था और आपातकालीन प्रबंधन पर सवाल खड़ा कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने घटना की गंभीरता को देखते हुए एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया है, जो इस घटना के कारणों और जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करेगी।

वर्तमान में, ग्वालियर के अस्पताल में स्थिति सामान्य करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। आग लगने की इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अस्पतालों में सुरक्षा प्रोटोकॉल की कितनी अहमियत है और उन्हें सख्ती से लागू करने की जरूरत है।

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में सरकारी जया आरोग्य अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) वार्ड में मंगलवार सुबह सेंट्रल एसी (एयर कंडीशनिंग) में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई। यह दुर्घटना में किसी को हताहत नहीं हुआ। हालांकि, अस्पताल में मौजूद मेडिकल स्टाफ ने त्वरित कार्रवाई कर आग पर काबू पाया।

डॉक्टर अमोल ने बताया, “आईसीयू वार्ड में सेंट्रल एसी में शॉर्ट सर्किट होने से आग लगी थी, लेकिन हमने तत्काल इसे बुझा डाला। वार्ड में इलाज कर रहे मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।”

एएनआई से मिले डीन डॉक्टर आरकेएस धाकड़ ने भी इस घटना पर टिप्पणी की, “हमारे डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ ने तत्काल आग को बुझाया और सभी मरीजों को सुरक्षित वार्ड में शिफ्ट किया। यह अच्छी बात है कि किसी को इस दुर्घटना में चोट नहीं पहुंची।”

इस घटना ने हालातों को गंभीरता से देखने का मौका दिया, लेकिन स्थिति को नियंत्रित करने में सफलता मिली। घटना के बाद सुरक्षित मरीजों की देखभाल जारी है और अस्पताल में सामान्यतः दिनचर्या को बिना किसी अवरोध के चलाया जा रहा है। इस घटना में किसी की जान को खतरा नहीं पहुंचा है और अस्पताल की ताकत को भी पुनः प्रमाणित किया गया है।,

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