खाद-बीज की कालाबाजारी पर कड़ा संदेश: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

joharcg.com मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में खाद-बीज की कालाबाजारी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियाँ किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएँगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार किसानों की भलाई के लिए हर संभव प्रयास करेगी और खाद-बीज की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण खाद और बीज उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। हाल के दिनों में खाद-बीज की कालाबाजारी की घटनाओं की बढ़ती संख्या ने उन्हें चिंतित किया है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए विशेष निगरानी टीमों का गठन किया है, जो बाजार में खाद-बीज की उपलब्धता और मूल्य निर्धारण की नियमित जांच करेगी।

खाद-बीज की उपलब्धता और वितरण की समीक्षा

डॉ. यादव ने कहा कि किसान हमारी अर्थव्यवस्था का backbone हैं और उनकी मेहनत का कोई मोल नहीं है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वे किसानों की समस्याओं को तुरंत समाधान करें। इसके साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर किसी भी स्तर पर खाद-बीज की कालाबाजारी में संलिप्त पाया गया, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कृषि क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की है, जो किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को नवीनतम तकनीकों और वैज्ञानिक तरीकों के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है, जिससे वे अपने उत्पादन को बढ़ा सकें।

मुख्यमंत्री के प्रयास से डीएपी का आवंटन बढ़ा

बैठक में जाकनारी दी गई कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयासों से भारत सरकार द्वारा डीएपी का आवंटन बढाकर 8 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है, जबकि रबी 2024-25 के लिए 6 लाख मीट्रिक टन डीएपी के आवंटन की सहमति दी गई थी। डीएपी के स्थान पर एनपीके के उपयोग के लिए जिलों को निर्देश जारी किए गए, जिससे खरीफ 2024 में डीएपी की कमी परिलक्षित नहीं हुई। डीएपी की कमी की पूर्ति के लिए प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में यूरिया एवं एसएसपी उपलब्ध है।

इस संदर्भ में, मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि वे किसी भी तरह की अनियमितता या कालाबाजारी की घटनाओं की सूचना तुरंत अधिकारियों को दें। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सरकार किसानों के हित में हर संभव प्रयास करेगी और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की यह पहल न केवल किसानों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, बल्कि यह सुनिश्चित करती है कि राज्य में कृषि उत्पादकता को बढ़ावा मिले और किसान अपने काम में आगे बढ़ सकें। इस प्रकार, खाद-बीज की कालाबाजारी पर यह सख्त रुख किसानों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।