joharcg.com छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहडोल रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के दौरान एक अनोखी पहल करते हुए आदिवासी युवाओं का उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने मंच पर पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाकर न केवल आदिवासी संस्कृति को सलाम किया, बल्कि यह भी दिखाया कि वे अपनी सांस्कृतिक धरोहर से कितना जुड़ाव महसूस करते हैं।
यह कार्यक्रम शहडोल क्षेत्र में आदिवासी समुदाय के विकास, उद्योग, और रोजगार के अवसरों पर केंद्रित था, जहां मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों का जिक्र किया। पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाते हुए मुख्यमंत्री ने स्थानीय युवाओं को प्रेरित किया और उन्हें अपनी संस्कृति और पारंपरिक कला के प्रति गर्व महसूस कराया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि आदिवासी समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को हमेशा सम्मानित किया जाएगा, और राज्य सरकार उनके लिए हर संभव प्रयास कर रही है ताकि उन्हें बेहतर रोजगार और शिक्षा के अवसर मिल सकें।
इस कार्यक्रम में उपस्थित आदिवासी युवाओं और समुदाय के लोगों ने मुख्यमंत्री के इस पहल को सराहा और उनके नेतृत्व में क्षेत्र के विकास की दिशा को लेकर आशावादी नजर आए। मुख्यमंत्री ने उद्योगों के विकास और आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कई योजनाओं की घोषणा की, जिससे क्षेत्र में विकास के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
इस पहल से शहडोल के आदिवासी युवाओं को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने और उसे बढ़ावा देने का एक नया मार्गदर्शन मिला, साथ ही सरकार के प्रति उनका विश्वास भी और मजबूत हुआ।
यह कार्यक्रम शहडोल क्षेत्र में आदिवासी समुदाय के विकास, उद्योग, और रोजगार के अवसरों पर केंद्रित था, जहां मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों का जिक्र किया। पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाते हुए मुख्यमंत्री ने स्थानीय युवाओं को प्रेरित किया और उन्हें अपनी संस्कृति और पारंपरिक कला के प्रति गर्व महसूस कराया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि आदिवासी समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को हमेशा सम्मानित किया जाएगा, और राज्य सरकार उनके लिए हर संभव प्रयास कर रही है ताकि उन्हें बेहतर रोजगार और शिक्षा के अवसर मिल सकें।