भोपाल केरवा डैम

joharcg.com भोपाल: राजधानी और आसपास के जिलों में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण बड़े-बड़े तालाब एक बार फिर लबालब हो गए हैं. इसके चलते शुक्रवार रात 8 बजे भदभदा बांध का गेट नंबर छह खोल दिया गया। देर रात भभड़ा ने दूसरा गेट खोल दिया। केरवा डैम के चार गेट खोल दिए गए हैं. कलियासोत डैम का एक गेट भी खोल दिया गया है.

उधर, भारी बारिश के कारण शहर के कई इलाकों में सड़कों और कॉलोनियों में पानी भर गया। इस बीच 50 से ज्यादा इलाकों में बिजली भी बाधित रही. बारिश के दौरान नगर पालिका, बिजली कंपनी आदि की तैयारियों की पोल खुल जाती है। इसके बाद भी जिम्मेदार लोग उचित व्यवस्था नहीं करते हैं.

शहर के इन इलाकों में पानी भर गया

शहर में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन और नगर पालिका की ओर से हर साल तैयारी की जाती है, लेकिन जब भी भारी बारिश होती है तो स्थिति जस की तस हो जाती है. करोंद, हाउसिंग बोर्ड, टीलाजमलपुरा, नारियल खेड़ा, शाहजहानाबाद, छोला, भानपुर, मालीखेड़ी, कोलुआ, दामखेड़ा, आनंद नगर, कोलार, संत हिरदाराम नगर सहित शहर की सड़कों और निचली बस्तियों में पानी भर गया। लोगों को यातायात में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

मेट्रो के काम ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दीं

पुराने शहर में करोंद चैरास्ता से सिंधी कॉलोनी तक मेट्रो रेल लाइन शुरू की गई है। इसके लिए कंपनी सड़कों पर बैरिकेडिंग कर काम कर रही है. जिसके कारण यहां वाहनों की आवाजाही के लिए बहुत कम जगह बचती है। जो जगह बची है वह जर्जर है, जिससे निकलना मुश्किल हो गया है.

50 से ज्यादा इलाकों में बिजली गुल

बारिश के कारण लांबाखेड़ा, नवीबाग, करोंद, पलासी, छोला, भानपुर, मालखेड़ी, कोलुआ, दामखेड़ा, हाउसिंग बोर्ड, आरिफ नगर, डीआइजी बंगला, सिंधी कॉलोनी समेत 50 से ज्यादा शहरी और ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। टीलाजमलपुरा, नारियल खेड़ा, गौतम नगर सहित अन्य इलाकों में तीन से चार घंटे बिजली आपूर्ति बाधित रही। हालांकि सूचना मिलने के बाद बिजली कर्मियों ने सुधार कार्य कर आपूर्ति शुरू कर दी.

करवा भी भर लिया, अब बारी है कालड़ियासोत की

भारी बारिश के कारण बड़ा झील अपने निर्धारित जलस्तर 1666.80 पर पहुंच गया. ऐसे में रात करीब आठ बजे भदभदा बांध का एक गेट खोलकर पानी छोड़ा गया। रात 11 बजे दूसरा गेट खोला गया। इसके साथ ही केरवा बांध भी अपने निर्धारित जलस्तर 509.93 मीटर पर पहुंच गया है. ऐसे में इसके चारों दरवाजे भी खुल गये. कलियासोत डैम का एक गेट भी खोल दिया गया है.,

भोपाल में मानसून ने एक बार फिर से अपना प्रचंड रूप दिखाया है। शहर और आसपास के इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया, बल्कि जलाशयों के जल स्तर को भी बढ़ा दिया है। इसी कड़ी में भोपाल के मशहूर केरवा डैम के जल स्तर में भी भारी वृद्धि दर्ज की गई, जिसके चलते प्रशासन को डैम के चार गेट खोलने का निर्णय लेना पड़ा।

केरवा डैम, जो भोपाल का एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत माहौल के लिए जाना जाता है। लेकिन इस बार बारिश की तेज़ी और लगातार बढ़ते जलस्तर ने इसके शांत माहौल को चुनौती दी है। डैम के गेट खोले जाने से आसपास के निचले इलाकों में जल भराव की स्थिति पैदा हो सकती है, जिससे प्रशासन ने पहले ही चेतावनी जारी कर दी थी।

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि केरवा डैम का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया था, जिसके चलते गेट खोलना आवश्यक हो गया। इन गेटों के खुलने से न केवल डैम का जल स्तर नियंत्रित होगा, बल्कि संभावित बाढ़ के खतरों को भी कम किया जा सकेगा। वहीं, प्रशासन ने स्थानीय लोगों से सतर्क रहने और सावधानी बरतने की अपील की है।

डैम के गेट खुलने के बाद, केरवा नदी में जल प्रवाह में तेज़ी आई है, जिससे नदी किनारे के गांवों में हलचल बढ़ गई है। प्रशासन ने वहां राहत दल तैनात कर दिए हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही, पर्यटकों को भी फिलहाल केरवा डैम के पास जाने से मना किया गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

भोपाल में मानसून की यह लहर अभी जारी रहने की संभावना है, जिसके चलते शहर के अन्य जलाशयों और डैमों पर भी दबाव बढ़ सकता है। केरवा डैम के गेट खोलने के बाद शहर में जल संसाधनों का प्रबंधन एक चुनौती बन गया है, और प्रशासन इस पर नजर बनाए हुए है।

इस पूरे घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया है कि भोपाल में बारिश का मौसम न केवल प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने का समय है, बल्कि यह लोगों के लिए सतर्कता और जिम्मेदारी का समय भी है। प्रशासन और स्थानीय निवासियों के बीच सामंजस्य और सहयोग ही इस चुनौतीपूर्ण समय में शहर को सुरक्षित रख पाएगा।

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