भोपाल में भीख

joharcg.com भोपाल : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में जिला प्रशासन ने भीख लेने और देने पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। यह आदेश शहर में बढ़ती भीख मांगने की समस्या और इसके कारण होने वाली असुविधाओं को देखते हुए लिया गया है। भोपाल के डीएम (जिला मजिस्ट्रेट) ने भीख मांगने के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

आदेश में कहा गया है कि शहर में किसी भी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगते हुए देखा जाता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति को भीख देने के मामले में पकड़ा जाता है, तो उस पर भी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का मानना है कि यह कदम शहर की साफ-सफाई और सौंदर्यता को बनाए रखने के साथ-साथ भीख मांगने की समस्या के समाधान में भी मददगार साबित होगा।

यह आदेश भोपाल शहर के विभिन्न इलाकों में लागू किया जाएगा, जिसमें प्रमुख चौराहे, बाजार, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, और मंदिरों के आसपास के क्षेत्र शामिल हैं। प्रशासन का कहना है कि भीख मांगने के कारण सार्वजनिक स्थल गंदे हो जाते हैं और यह न केवल शहर की छवि को प्रभावित करता है, बल्कि यह समाज में असमानता और गरीबी को बढ़ावा देता है।

डीएम ने अधिकारियों से कहा है कि वे उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें जो भीख मांगने के लिए आम जनता को परेशान करते हैं। इसके साथ ही, इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और नगर निगम की टीमें भी तैनात की जाएंगी।

अधिकारियों का कहना है कि यह आदेश इस मुद्दे को सुलझाने की दिशा में एक अहम कदम है, ताकि भीख मांगने की समस्या को स्थायी रूप से कम किया जा सके। इसके अतिरिक्त, प्रशासन इस आदेश के तहत गरीब और जरूरतमंदों को सहायता देने के लिए पुनर्वास योजनाओं और काउंसलिंग कार्यक्रमों का भी आयोजन करेगा।

इस नए आदेश से शहरवासियों के बीच कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे सही कदम मान रहे हैं, जबकि अन्य का कहना है कि इस तरह के आदेश से गरीबों की समस्याओं का समाधान नहीं होगा, बल्कि उन्हें और कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भीख मांगना और भीख देना अपराध की श्रेणी में आ गया है. कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इसके लिए आदेश जारी किया है, जिसमें सार्वजनिक स्थलों पर भीख मांगने और देने दोनों को अपराध की श्रेणी में रखा गया है. यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जारी किया गया है और इसका उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी.

डीएम द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि राजधानी भोपाल में ट्रैफिक सिग्नलों, चौराहों, धार्मिक स्थलों, पर्यटन स्थलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने वाले लोग यातायात में बाधा डालते हैं और शासन के आदेशों की अवहेलना करते हैं. इसके अलावा, यह भी देखा गया है कि भीख मांगने में अन्य राज्यों और शहरों के लोग भी संलग्न रहते हैं, जिनमें से कई का आपराधिक इतिहास होता है. इनमें से कई व्यक्ति नशे और अन्य अवैध गतिविधियों में भी लिप्त पाए गए हैं. इसके अलावा, भीख मांगने की आड़ में कई आपराधिक गिरोह भी सक्रिय हैं, जो इसका फायदा उठाते हैं.

भीख मांगने का एक और बड़ा खतरा सड़क दुर्घटनाओं से जुड़ा है. अक्सर देखा गया है कि भिक्षुक ट्रैफिक सिग्नलों पर गाड़ियों के बीच आकर भीख मांगते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है. भोपाल प्रशासन ने इसे एक सामाजिक बुराई मानते हुए इसे समाप्त करने का निर्णय लिया है.

भोपाल कलेक्टर ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि सिर्फ भीख मांगना ही नहीं, बल्कि भिक्षुकों को भिक्षा देना या उनसे कोई सामान खरीदना भी अपराध माना जाएगा. अगर कोई व्यक्ति किसी भिक्षुक को भोजन, पैसे या अन्य चीजें देता है या उनसे कोई सामान खरीदता है, तो इसे भी इस आदेश का उल्लंघन माना जाएगा और उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

प्रशासन ने भीख मांगने पर पूरी तरह से रोक लगाने के साथ ही, भिक्षुकों को पुनर्वासित करने के लिए विशेष प्रबंध भी किए हैं. आदेश के अनुसार, कोलार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आश्रय स्थल को भिक्षुक गृह के रूप में आरक्षित किया गया है. प्रशासन का कहना है कि इससे बेघर और बेसहारा भिक्षुकों को रहने के लिए उचित स्थान मिलेगा और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा.

डीएम कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने यह भी कहा कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा और इसे सार्वजनिक प्रचार, समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाएगा. यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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