joharcg.com उज्जैन में स्थित प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में हाल ही में भस्म आरती का आयोजन हुआ, जो हर साल की तरह श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय और पवित्र अनुभव साबित हुआ। इस विशेष अवसर पर, गणेश जी को बाबा महाकाल के रूप में सजाया गया और वैष्णव तिलक से उन्हें विभूषित किया गया, जो इस धार्मिक समारोह को और भी खास बना दिया।
भस्म आरती महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन की जाने वाली एक महत्वपूर्ण पूजा विधि है। यह पूजा विशेष रूप से प्रात: काल में की जाती है, और इसमें बाबा महाकाल को भस्म चढ़ाकर उन्हें विशेष श्रद्धा के साथ नमन किया जाता है। भस्म आरती के दौरान मंदिर के सभी आभूषण और वस्त्र हटा दिए जाते हैं, और बाबा महाकाल को भस्म से सजाया जाता है, जो इस पूजा का मुख्य आकर्षण होता है।
इस बार की भस्म आरती में गणेश जी को बाबा महाकाल के रूप में सजाया गया। गणेश जी को विशेष रूप से वैष्णव तिलक और महाकाल के आभूषणों से सजाया गया, जिससे वे बाबा महाकाल की प्रतीकता को दर्शाते हुए दिखाई दिए। इस सजावट ने भक्तों को एक नई और दिव्य अनुभूति प्रदान की और इस विशेष पूजा को और भी आध्यात्मिक बना दिया।
भस्म आरती के इस विशेष आयोजन ने श्रद्धालुओं को गहरी धार्मिक भावना और संतोष प्रदान किया। भक्तों ने गणेश जी के महाकाल के रूप में सजाए जाने को एक दिव्य अनुभव बताया और इसे एक शुभ संकेत माना। इस अवसर पर मंदिर परिसर भक्तों से भर गया था, जिन्होंने इस विशेष पूजा का आनंद लिया और बाबा महाकाल के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त की।
महाकालेश्वर मंदिर के प्रबंधन ने इस भस्म आरती को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए सभी भक्तों और मंदिर के कर्मियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से न केवल भक्तों की आस्था और श्रद्धा में वृद्धि होती है, बल्कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रखता है। भविष्य में भी ऐसी विशेष पूजा और आयोजन नियमित रूप से किए जाएंगे, ताकि भक्तों को इस दिव्य अनुभव का लाभ मिलता रहे।
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान गणेश जी की बाबा महाकाल के रूप में सजावट ने इस धार्मिक आयोजन को और भी विशेष बना दिया। इस पूजा ने भक्तों को एक अनूठा और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया और उनकी आस्था को और भी गहरा किया। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह उज्जैन की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का भी प्रतीक है।
उज्जैन: गणेश उत्सव के शुरुआत से ही प्रतिदिन बाबा महाकाल अपने भक्तों को गणेश के स्वरूप में दर्शन दे रहे हैं। भस्मारती में कभी भांग तो कभी मावे और पूजन सामग्री से श्री गणेश के स्वरूप में बाबा महाकाल का श्रृंगार किया जा रहा है। आज सुबह भी भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल को श्री गणेश के स्वरूप में श्रृंगारित किया गया। इससे पहले बाबा महाकाल भक्तों को दर्शन देने के लिए सुबह 4 बजे जागे। जिसके बाद विधिवत प्रक्रिया के तहत बाबा महाकाल की भस्म आरती की गई।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर मंगलवार को आज बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। सबसे पहले भगवान को स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल का श्री गणेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया। पुत्र के रूप में बाबा महाकाल का श्रृंगार देखकर श्रद्धालु काफी आनंदित हुए। इस अलौकिक श्रृंगार को जिसने भी देखा वह देखता ही रह गया।
भगवान का विशेष श्रृंगार कर उन्हें नवीन मुकुट भी धारण कराया गया, इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और भस्म आरती का लाभ लिया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल व जय श्री गणेश का उद्घोष भी किया।,