joharcg.com आगर मालवा, मध्य प्रदेश: स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की, आगर मालवा जिले में कई क्लिनिक सील। राघवेंद्र सिंह के निर्देशन में CMHO राजेश गुप्ता ने स्वास्थ विभाग की टीम को छापेमार कार्रवाई के लिए भेजा। सुसनेर, नलखेड़ा और बड़ौद में कई क्लिनिकों पर जांच कार्रवाई की गई और कई क्लिनिक सील किए गए। जांच दल के प्रतिवेदन के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। इसमें सील किए गए क्लिनिकों में से एक के संचालक के खिलाफ पहले से प्रकरण दर्ज है। इस कार्रवाई से झोलाछाप डॉक्टरों में हड़कंप मचा है। आने वाले समय में और भी कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने इस कदम को डॉक्टरों के खिलाफ सख्त संदेश के रूप में बताया है।

मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। जिले के विभिन्न इलाकों में चल रहे कई अवैध क्लिनिकों को सील कर दिया गया है। इन क्लिनिकों में बिना किसी मेडिकल डिग्री या लाइसेंस के लोग मरीजों का इलाज कर रहे थे, जो जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। इस कार्रवाई ने न केवल चिकित्सा क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है, बल्कि स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं।

स्वास्थ्य विभाग को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि आगर मालवा के ग्रामीण और शहरी इलाकों में झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम अपनी क्लिनिक चला रहे हैं। इन डॉक्टरों के पास न तो कोई मेडिकल डिग्री थी और न ही किसी प्रकार का चिकित्सा लाइसेंस। इसके बावजूद वे मरीजों का इलाज कर रहे थे, जिससे उनकी सेहत पर गंभीर खतरे मंडरा रहे थे। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने एक विशेष टीम का गठन किया और अचानक छापेमारी की योजना बनाई।

छापेमारी के दौरान, स्वास्थ्य अधिकारियों ने कई क्लिनिकों को बंद कर दिया और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी। इन क्लिनिकों में भारी मात्रा में नकली और एक्सपायर्ड दवाएं भी मिलीं, जिन्हें तुरंत जब्त कर लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि इन डॉक्टरों का कोई भी मेडिकल रिकॉर्ड नहीं था, और ये लोग बिना किसी उचित प्रशिक्षण के मरीजों को इलाज दे रहे थे।

यह घटना स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताओं को उजागर करती है। झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा संचालित इन अवैध क्लिनिकों में इलाज कराना न केवल मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, बल्कि इससे समाज में एक गलत संदेश भी जाता है। इस कार्रवाई के बाद जिले के लोग अब अधिक सतर्क हो गए हैं और उन्होंने प्रशासन से और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

स्वास्थ्य विभाग ने इस बात पर जोर दिया है कि राज्य में किसी भी तरह की अवैध चिकित्सा गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग ने जिले में सभी स्वास्थ्य सेवाओं की कड़ी निगरानी करने और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का संकल्प लिया है। विभाग ने यह भी अपील की है कि लोग ऐसे अवैध क्लिनिकों में इलाज कराने से बचें और किसी योग्य डॉक्टर से ही चिकित्सा सेवा लें।

इस कार्रवाई के बाद, स्थानीय लोगों ने प्रशासन के इस कदम की सराहना की है। लोग अब अपने स्वास्थ्य को लेकर अधिक जागरूक हो गए हैं और अवैध चिकित्सा सेवाओं के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।

इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और सुरक्षा बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ की गई इस कार्रवाई से अन्य जिलों में भी अवैध क्लिनिकों के खिलाफ सख्ती बरतने का संदेश जाएगा। राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और मरीजों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।

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