joharcg.com नई दिल्ली 13 नवम्बर 2024। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह की अध्यक्षता में 10वें मिशन संचालन समूह ने राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन के अंतर्गत 13.3 करोड़ रुपये की 12 शोध परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन शोध परियोजनाओं में मैदान को ढकने के काम आने वाले (जियोटेक्सटाइल्स), टिकाऊ और स्मार्ट टेक्सटाइल्स, यौगिक कपड़े आदि प्रमुख क्षेत्र है। स्वीकृत परियोजनाओं को आईआईटी और एनआईटी, सीआरआरआई और अन्य प्रतिष्ठित शोध निकायों और संस्थानों द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
मिशन के तहत स्वीकृत शोध परियोजनाओं की कुल संख्या अब 168 हो गई है, जिनका कुल मूल्य लगभग 509 करोड़ रुपये है। मिशन के अंतर्गत नए आईपीआर दिशानिर्देश जारी होने के साथ ही श्री गिरिराज सिंह ने उद्योग जगत से इन शोध परियोजनाओं में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया है।
राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन, वस्त्र मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है, जो स्थानीय उद्योग विशेष रूप से फाइवर विकास के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास क्षमताओं को विकसित करने पर केंद्रित है।
नीति आयोग ने ‘राज्यों में हरित परिवर्तन’ पर संगोष्ठी आयोजित की
नई दिल्ली 13 नवम्बर 2024। 11 नवंबर 2024 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में “राज्यों में हरित परिवर्तन” पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का आयोजन ज्ञान भागीदार के रूप में आईएसईजी फाउंडेशन के सहयोग से भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा किया गया।
संगोष्ठी में केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी; नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम; एसईसीआई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर.पी. गुप्ता; पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सचिव लीना नंदन; विद्युत मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल; पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव श्री पंकज जैन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव प्रशांत कुमार सिंह शामिल थे।
नीति आयोग ने विद्युत मंत्रालय और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सहयोग से एसेट प्लेटफॉर्म- ‘ऊर्जा स्रोतों में परिवर्तन के लिए सतत समाधानों को गति देना’ लॉन्च किया। एसेट प्लेटफॉर्म राज्यों को उनके हरित परिवर्तन में तेजी लाने में सहायता करने के लिए समय की मांग के अनुरूप एक पहल है। यह प्लेटफॉर्म राज्य ऊर्जा परिवर्तन ब्लूप्रिंट तैयार करने के साथ-साथ इसके कार्यान्वयन में सहायता करेगा तथा निर्भर रहने योग्य परियोजनाओं की योजना तैयार करेगा। यह प्लेटफार्म राज्यों के सर्वोत्तम तौर-तरीकों के साथ-साथ बीईएसएस, हरित हाइड्रोजन, ऊर्जा दक्षता, ई-मोबिलिटी, अपतटीय पवन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आगामी प्रौद्योगिकी और नवाचारों को प्रदर्शित करेगा।
भारत की 2047 तक विकसित भारत बनने और 2070 तक नेट-जीरो जीएचजी उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने की राष्ट्रीय आकांक्षाओं को हासिल करने में राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसके लिए अगले दो दशकों में निरंतर आर्थिक विकास की आवश्यकता है। राज्यों को ऊर्जा स्रोतों में बदलाव से जुडी योजनाओं को विकसित और कार्यान्वित करने की आवश्यकता है, जो समग्र राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप हों। इसमें तीन प्रमुख चरण शामिल हैं: पहला, ऊर्जा स्रोतों में बदलाव के लिए व्यापक ब्लूप्रिंट तैयार करना; दूसरा, निवेश योग्य परियोजनाएं विकसित करना और उनका प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना और तीसरा, उभरती प्रौद्योगिकियों में नवाचार को बढ़ावा देना।.
नीति आयोग की उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार में वित्तीय चुनौतियों पर प्रकाश डाला, तथा निजी क्षेत्र द्वारा संचालित मॉडलों के तहत नवीकरणीय ऊर्जा विकास को बनाए रखने के लिए अभिनव वित्तपोषण व्यवस्था की जरूरत पर जोर दिया।