joharcg.com नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को एक अहम कार्यक्रम में शामिल होने वाला है। आज, सुप्रीम कोर्ट में ‘लापता लेडीज’ नामक एक फिल्म की स्क्रीनिंग की जा रही है। इस फिल्म की स्क्रीनिंग न्यायाधीशों, उनके परिवारों और रजिस्ट्री के अधिकारियों के लिए आयोजित की जा रही है। यह फिल्म जो कि समीक्षकों द्वारा प्रशंसित है, लैंगिक समानता के महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित है। इस फिल्म के माध्यम से एक कहानी कही जाएगी जो इस समाज में महिलाओं के अधिकार और समानता की महत्वता पर ध्यान केंद्रित करती है।

सुप्रीम कोर्ट में इस फिल्म की स्क्रीनिंग के माध्यम से, न्यायाधीशों को एक मुद्दे के महत्व को समझने और उसका समाधान करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, इस स्क्रीनिंग के माध्यम से समाज में जागरूकता और चेतना फैलाने में भी मदद मिलेगी। यह कार्यक्रम ‘लापता लेडीज’ की स्क्रीनिंग का मकसद दरअसल उन महिलाओं की मामले में सुस्ती तथा गुमशुदगी से कैसे निपटते हैं, इस पर जागरूकता फैलाना है। इसके साथ ही, इस फिल्म के माध्यम से समाज को महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूक करने का प्रयास भी किया जा रहा है।

सम्माननीय सुप्रीम कोर्ट में लाया गया यह कार्यक्रम समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भी लेकर आएगा। महिलाओं के अधिकार को बढ़ावा देने के लिए यह कदम एक महत्वपूर्ण चरण है। इसी तरह के और भी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए ताकि समाज में समानता और न्याय का प्रमाण मिल सके। महिलाएं समाज का गर्व होती हैं और उनके हित में ऐसे प्रयासों का समर्थन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सुप्रीम कोर्ट में ‘लापता लेडीज’ की स्क्रीनिंग का आयोजन करना एक बड़ा कदम है और इससे उम्मीद है कि समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद मिलेगी। इसी तरह के और ऐसे कार्यक्रमों को समर्थन और प्रोत्साहन देना जरूरी है।सुप्रीम कोर्ट में ‘लापता लेडीज’ की स्क्रीनिंग के उत्साही आयोजनकों को बधाई और शुभकामनाएं। यह कार्यक्रम समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और उसमें शामिल होने वाले सभी लोगों को सलाम। आशा है कि इस कार्यक्रम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव आएगा और महिलाओं को सामाजिक स्थिति में समानता मिलेगी।

आज का दिन सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में एक खास अध्याय जोड़ने वाला है, क्योंकि यहां ‘मिसिंग लेडीज’ नामक डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग होने जा रही है। यह फिल्म अपने विवादास्पद विषय के चलते पहले ही सुर्खियों में आ चुकी है, और अब इसकी स्क्रीनिंग कोर्ट के अंदर होने वाली है, जो अपने आप में एक बड़ी घटना है।

‘मिसिंग लेडीज’ एक ऐसी डॉक्युमेंट्री है जो समाज के उस काले सच को उजागर करती है, जिसमें महिलाओं के गायब होने की घटनाएं शामिल हैं। यह फिल्म महिलाओं के लापता होने और उनकी खोज के दौरान आने वाली चुनौतियों को बड़े संवेदनशील ढंग से प्रस्तुत करती है। फिल्म की यह कहानी न सिर्फ समाज की सोच पर सवाल खड़े करती है, बल्कि प्रशासन और कानून व्यवस्था पर भी उंगली उठाती है।

फिल्म के रिलीज होने के बाद से ही इसे लेकर कई विवाद उत्पन्न हो गए। कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने फिल्म की सामग्री को आपत्तिजनक बताया, जबकि कुछ ने इसे सच्चाई को दिखाने का साहसिक प्रयास माना। यह विवाद इतना बढ़ गया कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।

विवाद को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए फिल्म की स्क्रीनिंग का फैसला किया। कोर्ट का उद्देश्य यह जानना है कि फिल्म की सामग्री वास्तव में आपत्तिजनक है या नहीं, और क्या इसे सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

इस स्क्रीनिंग के दौरान कोर्ट के न्यायाधीश, वकील, और संबंधित पक्षकार मौजूद रहेंगे, जो फिल्म की समीक्षा करेंगे। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस फैसले का उद्देश्य न केवल फिल्म को न्यायसंगत दृष्टिकोण से देखना है, बल्कि इस तरह के मामलों में आगे के लिए एक मिसाल भी स्थापित करना है।

इस मामले में आज होने वाली स्क्रीनिंग के बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी, जो यह तय करेगा कि ‘मिसिंग लेडीज’ को सार्वजनिक रूप से दिखाए जाने की अनुमति मिलेगी या नहीं। इस मामले का फैसला समाज और फिल्म जगत के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास करेगा।

फिल्म के निर्माता और निर्देशक भी इस मामले को लेकर उत्सुक हैं, क्योंकि यह फिल्म उनके लिए सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि समाज की एक कठोर सच्चाई को उजागर करने का जरिया है।अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या होता है और यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है।

Shyam Bihari Jaiswal Archives – JoharCG