Shri Uwassaggaharam Parshwa

Shri Uwassaggaharam Parshwa प्राकृतिक दृश्यों के मध्‍य शिवनाथ नदी के किनारे स्थित 23 वें तीर्थंकर भगवान श्री पार्श्‍वनाथ का यह मंदिर लगभग 3000 साल पहले उनके श्रमण काल में इस क्षेत्र में श्रमैन (त्‍याग के माध्यम से आत्म-प्राप्ति के लिए समर्पित एक भम्रणशील भिक्षुक ) के रूप में उनकी पवित्र यात्रा का स्‍मृति दिलाता है। बिखरे हुए जैन मूर्तिकला के अवशेष, भक्तों की बड़ी संख्या और भगवान के चरण चिन्‍हों के साथ प्राचीन मंदिर – ऐतिहासिक रूप से इस क्षेत्र के लिए भगवान की यात्रा को साबित करते है। इस प्राचीन मूर्ति के मिलने से लेकर पुन: स्थापित होने तक चमत्‍कारीक तरीका भी स्पष्ट रूप से, उनकी दिव्य कृपा साबित करता है। यह मंदिर पत्थरों पर उत्कीर्ण जैन-भक्ति दर्शन का एक महाकाव्य है। इस तार्थस्‍थान की यात्रा, यात्रियों को उदार आचरण, आत्म-अनुशासन, तपस्या और समानता को प्रेरित करती है।
यह 1995 में नागपुरा में स्थापित एक जैन मंदिर है। परिसर में मंदिर, गेस्ट हाउस, एक बगीचा और प्राकृतिक चिकित्सा व योग केंद्र स्थित हैं। संगमरमर से बने भगवान श्री पार्श्‍वनाथ के इस मंदिर का प्रवेश द्वार 30 फीट गेट के माध्यम से है, जिसमें चार स्‍तंभो (जो आध्‍यात्मिक जीवन के चार आवश्यक तत्वों यथा ज्ञान, आत्मनिरीक्षण, अच्छा आचरण, तपस्या का प्रतिनिधित्व करती है) पर स्थित भगवान श्री पार्श्‍वनाथ की मूर्ति है, जिसकी दो हाथियों द्वारा पूजा की जा रही है। मूर्ति से पवित्र जल, अमीया, रसता है। सैकड़ों तीर्थयात्री इस मंदिर को पूर्णिमा के दिन दर्शन करने आते हैं।

कैसे पहुंचें:

हवाई जहाज से

निकटतम हवाई अड्डा रायपुर (54 किलोमीटर) में है जो दिल्ली, मुंबई, नागपुर, कोलकाता, भुवनेश्वर, चेन्नई, रांची और विशाखापत्तनम से जुड़ा हुआ है।

ट्रेन द्वारा

यह मुंबई-हावड़ा मुख्य रेलवे लाइन पर स्थित है। दुर्ग रेलवे स्टेशन मुंबई से 1101 किमी, हावड़ा से 867 किमी, नई दिल्ली से 1354 किमी और नागपुर से 275 किमी दूर है।

सड़क के द्वारा

जिला मुख्यालय से नगपुरा लगभग 15 किलोमीटर दूर है।

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