joharcg.com हाल ही में एक अजीबोगरीब घटना ने गांव में हड़कंप मचा दिया जब गांववालों ने एक युवक की चिता के साथ जिंदा सांप को जलाने का फैसला किया। यह मामला न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि इसने कई सवाल भी खड़े किए हैं कि आखिर ऐसा क्यों किया गया।
सूत्रों के अनुसार, युवक की मौत एक अप्रत्याशित दुर्घटना के कारण हुई थी। गांव के लोगों का मानना था कि युवक की मौत का कारण सांप था, जो पहले से ही उनके बीच मौजूद था। स्थानीय लोगों के बीच एक धारणा बन गई कि युवक की आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए जिंदा सांप को जलाना आवश्यक है।
गांववालों ने इस घटना को अंधविश्वास के तहत देखा और एकत्र होकर युवक की चिता के पास सांप को लाने का निर्णय लिया। जब सांप को चिता के पास रखा गया और जलाया गया, तो वहां उपस्थित लोगों ने इसे एक प्रकार की परंपरा मानते हुए देखा। कुछ लोग इसे युवक की आत्मा को शांति देने का प्रयास मानते थे, जबकि अन्य ने इसे एक अंधविश्वास करार दिया।
स्थानीय लोग यह भी मानते हैं कि उस सांप का संबंध युवक की मौत से था। कुछ ने दावा किया कि युवक को सांप ने डसा था, जबकि अन्य का कहना था कि सांप उस युवक का पीछा कर रहा था। इस घटना के बाद सांप को जलाने का निर्णय लेते समय गांव में अफवाहों का बाजार गर्म हो गया।
इस घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को संभालने का प्रयास किया। अधिकारियों ने गांववालों से बात की और उन्हें बताया कि अंधविश्वास से दूर रहना चाहिए। पुलिस ने इस मामले में संवेदनशीलता बरतने की अपील की और सांप को जलाने की घटना की निंदा की।
इस घटना ने गांव में धार्मिक और सामाजिक विमर्श को जन्म दिया। कुछ लोगों ने इसे सांस्कृतिक परंपरा के रूप में स्वीकार किया, जबकि अन्य ने इसे तर्कहीनता की संज्ञा दी। इस प्रकार के अंधविश्वास और उनकी जड़ों पर चर्चा बढ़ने लगी, जिससे यह साबित होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास का प्रभाव अभी भी मजबूत है।
युवक की चिता के साथ जिंदा सांप को जलाने की घटना ने एक बार फिर अंधविश्वास और उसकी गंभीरता को उजागर किया है। यह घटना न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि यह समाज में फैली सोच को चुनौती भी देती है। प्रशासन और समाज को मिलकर इस तरह के अंधविश्वास को समाप्त करने के लिए जागरूकता फैलानी होगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
कोरबा। जिले के ग्राम बैगामार में सर्पदंश से एक युवक की मौत हो गई। जिस सांप ने युवक को डसा था, उसे ग्रामीणों ने टोकरी में बंद करके रखा था। शवयात्रा के साथ सांप को भी बांधकर मुक्तिधाम ले जाया गया, जहां युवा की चिता में उसे जिंदा जला दिया गया। मनसा राम राठिया ग्राम बैगामार में निवास करते है। घर में उसकी पत्नी के अलावा दो बेटे थे। शनिवार की रात खाना खा कर सभी अपने-अपने कमरे में सोने चले गए। 22 वर्षीय बेटा डिगेश्वर राठिया भी अपने कमरे में सोने चला गया।
वह खाट में मच्छरदानी लगा कर सो रहा था। रात के वक्त मच्छरदानी के अंदर जहरीला करैत सांप घुस गया और उसके पैर पर काट लिया। युवक ने बिस्तर से उठकर देखा तो मच्छरदानी में सांप लिपटा हुआ था। उसने उठकर इसकी सूचना स्वजनों को दी। इलाज के लिए उसे जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया। रविवार की सुबह इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई।
घटना के बाद ग्रामीणों में सांप के खिलाफ आक्रोश
मृतक के पिता मनसा राम ने बताया कि डिगेश्वर घर का बड़ा बेटा था और पढ़ाई करने के साथ खेती किसानी में साथ देता था। घटना को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश देखा गया। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें डर था कि जहरीला सांप किसी और को अपना शिकार ना बना ले। इस वजह से उसे भी चिता के साथ जला दिया गया। गांव में मातम है। स्वजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। जिला अस्पताल चौकी प्रभारी दाऊद कुजुर ने बताया कि मृतक के स्वजनों का बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।