joharcg.com आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित प्रसिद्ध वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में सोमवार को एक दुखद हादसा हुआ। विशेष दर्शन के लिए मंदिर परिसर में एकत्रित श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मच गई, जिससे 6 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब हजारों श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए मंदिर में पहुंचने के लिए कतार में खड़े थे।
जानकारी के अनुसार, विशेष दर्शन के लिए टोकन लेने के दौरान अचानक भीड़ अधिक बढ़ गई, जिससे भगदड़ मच गई। यह हादसा मंदिर के बाहरी परिसर में हुआ, जहां श्रद्धालु लंबी कतारों में खड़े थे। भागने की कोशिश करते हुए लोग गिर पड़े और दबकर कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और राहत कार्यों की शुरुआत की।
घायलों को तुरंत पास के अस्पतालों में भर्ती किया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इस दुर्घटना के कारणों की पहचान की जा रही है।
धार्मिक स्थल पर इस प्रकार के हादसे ने श्रद्धालुओं और प्रशासन दोनों को हैरान कर दिया। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने व्यवहार में संयम बनाए रखें और सुरक्षा उपायों का पालन करें।
यह हादसा कई सवालों को जन्म देता है, जैसे कि मंदिर प्रशासन की ओर से सुरक्षा इंतजामों की कमी, और कैसे इस प्रकार की भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है। तिरुपति मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन इस घटना ने इस पवित्र स्थल की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।
प्रशासन ने घायलों को पूरी मदद देने का आश्वासन दिया है और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की बात भी कही है। इस घटना ने श्रद्धालुओं के बीच चिंता और दहशत का माहौल बना दिया है।
आंध्र प्रदेश में मंदिरों के शहर तिरुपति में वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में विशेष दर्शन का टोकन लेने के दौरान भगदड़ मच गई. इस हंगामे के वक्त 4 हजार से ज्यादा भक्त इसकी चपेट में आ गए. अब तक आई जानकारी के मुताबिक, भीड़भाड़ और “प्रशासन की चूक” के कारण मची भगदड़ में करीब 6 लोगों की मौत हो गई.
मंदिर में मची भगदड़ के पीछे की वजह भी सामने आई है.
जानकारी के मुताबिक, छह घायलों में से एक मल्लिका नाम की महिला भक्त बैरागी पट्टीडा पार्क में टोकन काउंटर पर कतार में अपनी बारी का इंतजार कर रही थीं. इसी वक्त वो अचानक बीमार पड़ गईं. उन्हें हॉस्पिटल ले जाने के लिए गेट खोले गए, इसके बाद भगदड़ मच गई.
बुधवार की रात, देश भर से हजारों भक्त 10 दिवसीय विशेष वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए आए, जो शुक्रवार से शुरू होने वाला है. घटना के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के बोर्ड मेंबर भानु प्रकाश रेड्डी ने कहा, “टोकन बांटने के लिए 91 काउंटर खोले गए थे. ये गेट गुरुवार सुबह खोले जाने थे.”
उन्होंने बताया कि इस भगदड़ में छह भक्तों की मौत हो गई, 40 घायल हो गए, हम मेडिकल सुविधाएं मुहैया करवा रहे हैं. टीटीडी के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. मैं भक्तों से ईमानदारी से माफी मांगता हूं. हम जांच करके कार्रवाई करेंगे. उन्होंने बताया कि इस भगदड़ में छह भक्तों की मौत हो गई, 40 घायल हो गए, हम मेडिकल सुविधाएं मुहैया करवा रहे हैं. टीटीडी के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. मैं भक्तों से ईमानदारी से माफी मांगता हूं. हम जांच करके कार्रवाई करेंगे.
हर साल जुटती है लाखों की भीड़
वैकुंठ एकादशी पर हर साल तिरुपति वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है. देश के देश के कोने-कोने से लोग इन विशेष दिनों में तिरुपति के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. इस बार वैकुंठ द्वार दर्शन 10 जनवरी से 19 जनवरी तक होने हैं. इस विशेष दर्शन के लिए ही टोकन बांटे जाने की व्यवस्था की गई थी. टोकन 9 जनवरी की सुबह से बांटे जाने थे, लेकिन इसके लिए 8 जनवरी की रात से ही लोगों की भीड़ लगनी शुरू हो गई और भीड़ बढ़ने पर भगदड़ मच गई.