joharcg.com छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत पीपल के पेड़ का रोपण किया। यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता बढ़ाने का भी कार्य कर रहा है। मंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वृक्षारोपण से न केवल पर्यावरण को सुधारने में मदद मिलेगी, बल्कि यह भावी पीढ़ियों के लिए एक स्थायी और हरा-भरा वातावरण भी सुनिश्चित करेगा।
पीपल के पेड़ को भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इसे जीवन और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। राजस्व मंत्री ने इस पेड़ के रोपण को विशेष रूप से मां के नाम पर किया, ताकि लोग पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें और पेड़-पौधों की रक्षा करें।
इस अभियान के अंतर्गत, मंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे अपने घरों और आस-पास के क्षेत्रों में अधिक से अधिक पेड़ लगाएं। उन्होंने कहा कि यह केवल एक वृक्षारोपण का कार्य नहीं है, बल्कि यह हमारे पर्यावरण और समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी का प्रदर्शन है।
राजस्व मंत्री ने इस अवसर पर कहा, “प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण बहुत जरूरी है। अगर हम पेड़ नहीं लगाएंगे, तो हमारे आने वाले समय में जीवन का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा।” उन्होंने उपस्थित लोगों से पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए सामूहिक प्रयास करने का भी आग्रह किया।
इस अभियान का उद्देश्य न केवल वृक्षारोपण करना है, बल्कि यह लोगों में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाना भी है। हर व्यक्ति को इस अभियान में शामिल होकर अपने हिस्से का योगदान देना चाहिए।
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान एक नई सोच को प्रोत्साहित करता है, जिसमें हम सभी अपने जीवन में एक पेड़ लगाकर अपनी मां के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। यह एक सकारात्मक कदम है जो हमें प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का एहसास कराता है।
राजस्व मंत्री के इस प्रयास से यह उम्मीद की जा रही है कि और भी लोग इस अभियान में शामिल होंगे और अपने-अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। इस प्रकार, यह पहल हमें न केवल एक हरा-भरा वातावरण प्रदान करेगी, बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक सिद्ध होगी।