joharcg.com बलौदाबाजार जिले में धान खरीदी महाभियान 2025 तेज़ी से और पूर्ण पारदर्शिता के साथ संचालित हो रहा है। शासन एवं प्रशासन द्वारा किसानों की सुविधा हेतु किए गए प्रबंधों का सकारात्मक परिणाम उपार्जन केंद्रों में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। ग्राम रानीजरौद के प्रगतिशील किसान श्री दिलेश्वर ध्रुवजो कि 7 एकड़ भूमि में खेती करते हैं:अपने 155 कट्टा धान लेकर उपार्जन केंद्र पहुंचे। खरीदी केंद्र में सुव्यवस्थित व्यवस्था और त्वरित प्रक्रिया से वे अत्यंत संतुष्ट दिखे।
किसान श्री ध्रुव ने बताया कि “मोबाइल में किसान तुंहर टोकन ऐप” के माध्यम से उन्हें कुछ ही क्षणों में टोकन प्राप्त हो गया, जिससे खरीदी प्रक्रिया और भी सरल व शीघ्र हो गई।उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय तथा जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस वर्ष धान खरीदी व्यवस्था काफी बेहतर और किसान के सुविधा अनुरूप है। किसानों की सुविधा और सुझावों को ध्यान में रखते हुए उपार्जन केंद्र में एक ‘समाधान पेटी’ की व्यवस्था भी की गई है, जिसमें किसान अपने सुझाव एवं आवश्यक जानकारी दर्ज प्रेषित कर सकते हैं।
इससे प्रशासन को खरीदी व्यवस्था और अधिक मजबूत व पारदर्शी बनाने में सहायता मिलेगी। समर्थन मूल्य पर सुरक्षित, समयबद्ध और पारदर्शी खरीदी व्यवस्था से किसानों का विश्वास और भी बढ़ा है। जिला प्रशासन द्वारा सभी उपार्जन केंद्रों में बेहतर प्रबंधन, निगरानी और सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे खरीदी महाभियान सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है।
छत्तीसगढ़ में इस वर्ष धान खरीदी सीजन की शुरुआत के साथ ही मंडियों और खरीदी केंद्रों में किसानों का उत्साह साफ दिखाई दे रहा है। सरकार द्वारा धान खरीदी प्रक्रिया को तेज़, पारदर्शी और तकनीक आधारित बनाने के प्रयासों ने किसानों में भरोसा बढ़ाया है।
राज्य के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों में ऑनलाइन पंजीयन, टोकन सिस्टम, एसएमएस अलर्ट और कंप्यूटरीकृत तौल व्यवस्था लागू की गई है। इससे न केवल भीड़ और अव्यवस्था पर नियंत्रण हुआ है, बल्कि किसानों को तय तारीख और समय पर तौल की सुविधा मिलने लगी है। किसान अपने मोबाइल पर प्राप्त संदेश के आधार पर खरीदी केंद्र पहुंचकर आसानी से अपनी उपज का विक्रय कर पा रहे हैं।
प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए तौल मशीनों को नियमित रूप से जांचा जा रहा है और खरीदी केंद्रों में कर्मचारियों की ड्यूटी सूची, समर्थन मूल्य और संबंधित जानकारी प्रमुख जगहों पर चस्पा की गई है। तौल के बाद किसानों को तत्काल रसीद दी जा रही है, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना कम हो गई है।
सबसे बड़ी राहत किसानों को भुगतान व्यवस्था में मिल रही है। धान खरीदी केंद्रों में खरीदी का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में ऑनलाइन हस्तांतरित किया जा रहा है। इससे न केवल समय की बचत हो रही है, बल्कि बिचौलियों और नकद लेन-देन से जुड़ी परेशानियां भी लगभग समाप्त हो गई हैं।
कई किसानों ने बताया कि पहले खरीदी केंद्रों पर लंबी कतारें, अनिश्चित तौल और भुगतान में देरी आम बात थी, लेकिन अब तकनीक आधारित व्यवस्था से पूरे सिस्टम में तेजी और भरोसा दोनों बढ़ा है। महिलाओं और छोटे किसानों के लिए यह व्यवस्था और अधिक सहायक साबित हो रही है, क्योंकि उन्हें कई दिनों तक बार-बार केंद्रों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे।

