joharcg.com सारंगढ़ बिलाईगढ़ में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर सावधानी बरतने के लिए हुआ प्रेरित। इस शिविर में 104 नागरिकों की जांच की गई और 14 संदिग्ध मरीज पाए गए हैं। खनन प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक जांच के निर्देशन कलेक्टर धर्मेश साहू के द्वारा दिए गए थे। इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न उपायों की सलाह दी है। मच्छरदानी का उपयोग और गर्म पानी की सलाह देने के साथ ही मादक द्रव्य पदार्थों से दूर रहने के महत्व को भी दर्शाया गया है।

खनिज विभाग ने यह भी बताया कि क्रेशर में काम करते समय सुरक्षा का पालन करना अत्यंत जरूरी है। सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने और लापरवाही से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, कार्य क्षेत्र और आस-पास की सफाई को बनाए रखने के लिए भी जानकारी दी गई है। इस तरह की जागरूकता समाज में सुरक्षित और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देगी।

इस प्रयास के माध्यम से, सारंगढ़ बिलाईगढ़ क्षेत्र में स्वास्थ्य और सुरक्षा के मामलों में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है। इस सभी को एक साथ मिलकर अपने संदेश को सारंगढ़ बिलाईगढ़ क्षेत्र के नागरिकों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह एक कदम है जो सही दिशा में एक स्वस्थ समाज की ओर ले जा सकता है।

हाल ही में हुई टीबी (तपेदिक) स्क्रीनिंग के दौरान 14 संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई है, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हलचल मच गई है। इन संदिग्ध मरीजों की पहचान करने के बाद, अब स्वास्थ्य अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई करने की योजना बनाई है ताकि रोग के प्रसार को रोका जा सके और मरीजों को उचित उपचार प्रदान किया जा सके।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित इस स्क्रीनिंग अभियान का उद्देश्य टीबी जैसी गंभीर बीमारी के प्रसार को रोकना और इसका शुरुआती उपचार सुनिश्चित करना था। यह अभियान शहर के विभिन्न हिस्सों में चलाया गया, जहां लोगों की बड़े पैमाने पर जांच की गई। 14 संदिग्ध मरीजों की पहचान इस बात की ओर इशारा करती है कि टीबी का खतरा अभी भी बरकरार है और इसके खिलाफ सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इन सभी संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए गए हैं और उनकी विस्तृत जांच की जाएगी। यदि जांच रिपोर्ट में टीबी की पुष्टि होती है, तो उन्हें तत्काल उपचार दिया जाएगा। इसके साथ ही, उनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों की भी जांच की जाएगी, ताकि संक्रमण के संभावित स्रोतों का पता लगाया जा सके और आगे के प्रसार को रोका जा सके।

टीबी, जो एक संक्रामक रोग है, हवा के माध्यम से फैलता है और यदि समय पर इसका उपचार न किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। इस बीमारी के लक्षणों में लगातार खांसी, बुखार, वजन कम होना और थकान शामिल हैं। इसलिए, स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस अभियान के तहत जनजागरण भी किया जा रहा है। लोगों को टीबी के बारे में जागरूक किया जा रहा है और इसके लक्षणों की पहचान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके अलावा, सरकार ने टीबी के उपचार के लिए मुफ्त दवाइयों की भी व्यवस्था की है, ताकि कोई भी मरीज आर्थिक तंगी के कारण उपचार से वंचित न रह जाए।

अब स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता है कि सभी संदिग्ध मरीजों का समय पर उपचार सुनिश्चित किया जाए और टीबी के प्रसार को रोका जाए। इस दिशा में सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और स्वास्थ्य कर्मियों को भी अलर्ट पर रखा गया है। इस अभियान का उद्देश्य न केवल टीबी को नियंत्रित करना है, बल्कि इसे पूरी तरह से खत्म करना भी है।

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