joharcg.com देश में टी.बी (क्षयरोग) जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए जनजागरूकता को अत्यंत आवश्यक बताते हुए राज्यपाल श्री डेका ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि टी.बी जैसी बीमारी को नियंत्रित करने और अंततः समाप्त करने के लिए केवल दवाओं और चिकित्सा सेवाओं पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है, बल्कि जनजागरूकता को बढ़ावा देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
राज्यपाल श्री डेका ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक समाज के सभी वर्गों को टी.बी के लक्षण, इसके फैलने के तरीके, और इससे बचाव के उपायों के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं होगी, तब तक इस बीमारी को पूरी तरह समाप्त करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि टी.बी उन्मूलन के लिए बड़े पैमाने पर जनजागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए, जिनमें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोगों को जागरूक किया जाए।
उन्होंने बताया कि टी.बी एक संक्रामक रोग है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन समय पर उपचार न होने पर यह अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए, इसके लक्षणों की पहचान और शीघ्र उपचार बेहद महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, राज्यपाल ने यह भी कहा कि टी.बी के खिलाफ लड़ाई में समाज के हर व्यक्ति का योगदान आवश्यक है, और इसके लिए जागरूकता कार्यक्रमों को हर संभव तरीके से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने स्वास्थ्य विभाग और गैर-सरकारी संगठनों से अपील की कि वे टी.बी जागरूकता अभियान को प्राथमिकता दें और इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में लोगों को अधिक से अधिक शामिल करें। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से ग्रस्त लोगों को समाज से अलग-थलग करने के बजाय उन्हें सहानुभूति और समर्थन की आवश्यकता है, ताकि वे अपने उपचार को जारी रख सकें और स्वस्थ जीवन जी सकें।
इस अवसर पर श्री डेका ने यह भी उल्लेख किया कि सरकार द्वारा टी.बी के उपचार के लिए मुफ्त दवाइयाँ और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, लेकिन इन सुविधाओं का लाभ तभी उठाया जा सकता है जब लोग इस बीमारी के बारे में जागरूक हों और समय पर इलाज कराएं।
अंत में, राज्यपाल श्री डेका ने विश्वास जताया कि यदि समाज में व्यापक जनजागरूकता फैलाई जाए और सभी लोग मिलकर इस बीमारी के खिलाफ संघर्ष करें, तो टी.बी को जड़ से समाप्त करना संभव हो सकता है। उनकी इस अपील से यह स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और सामूहिक प्रयास ही टी.बी मुक्त भारत की दिशा में हमारा सबसे बड़ा कदम होगा।