joharcg.com छत्तीसगढ़ के तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में एक खुशखबरी आई है, जहां रेस्क्यू किए गए बाघ की दहाड़ अब फिर से गूंजेगी। यह बाघ, जिसे हाल ही में जंगल से बचाया गया था, अब प्राकृतिक आवास में छोड़ा जाएगा। वन विभाग और वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स की टीम ने इस बाघ की पूरी देखभाल की और उसे स्वस्थ करने के बाद अब उसे फिर से जंगल में आज़ाद कर दिया है।
यह बाघ पिछले कुछ समय से चोटिल था और उसे पुनः वन्यजीव विशेषज्ञों द्वारा रेस्क्यू किया गया था। रेस्क्यू के बाद, बाघ का इलाज और पुनर्वास किया गया, ताकि वह जंगल में सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से रह सके। अब उसे तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा, जहां उसकी दहाड़ फिर से वन्यजीवों के बीच गूंजेगी।
यह कदम वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल बाघ की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि पर्यावरण और जैव विविधता के लिए भी यह एक अहम योगदान होगा। यह घटना यह भी दर्शाती है कि कैसे वन्यजीवों की रक्षा के लिए समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि वे अपने प्राकृतिक आवास में वापस लौट सकें और जंगल का हिस्सा बन सकें।
इस अवसर पर, तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने कहा कि बाघ की दहाड़ जंगल के पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन बनाए रखने में मदद करेगी और यह पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।
रायपुर। कसडोल नगर के पारस नगर सेक्टर से रेस्क्यू किए गए नर बाघ की दहाड़ अब गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व में गूंजेगी। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा रेस्क्यू बाघ किए गए इस बाघ को आज सुरक्षित तरीके से गुरूघासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में छोड़ दिया गया। गुरू घासीदास तमोर पिंगला छत्तीसगढ़ का नया टायगर रिजर्व है। इसका कुल क्षेत्रफल 2829.387 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 1254.586 वर्ग किलोमीटर आरक्षित वन, 1438.451 वर्ग किलोमीटर संरक्षित वन तथा 136.35 वर्ग किलोमीटर राजस्व क्षेत्र शामिल हैं।
गौरतलब है कि बलौदाबाजार वनमंडल के कसडोल तहसील में बीते 8 माह से बारनवापारा वन क्षेत्र में विचरण कर रहे एक नर बाघ के कसडोल तहसील के ग्राम कोट पहुंच जाने की सूचना वन विभाग को मिली थी। वन विभाग का अमला आवश्यक रेस्क्यू सामग्री तथा वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारियों सहित मौके पर तत्काल पहुंचकर कसडोल नगर के पारस नगर सेक्टर से उक्त बाघ को रेस्क्यू किया था। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) के निर्देश पर उक्त नर बाघ को आज प्रातः 8 बजे नवगठित गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया।
इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं क्षेत्र संचालक उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व रायपुर, वन संरक्षक (वन्यप्राणी) क्षेत्र संचालक, एलीफेंट रिजर्व सरगुजा, संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुण्ठपुर, उप निदेशक एलीफेंट रिजर्व सरगुजा, कानन पेंडारी-जू के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पी. के चंदन, गुरु घासीदास तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजीत पाण्डेय, सहायक संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुण्ठपुर, अधीक्षक तमोर पिंगला अभ्यारण्य, अधीक्षक सेमरसोत अभ्यारण्य, क्षेत्रीय अधिकारी-कर्मचारी एवं छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव बोर्ड के सदस्य श्री गौरव निहलानी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि वन विभाग के अधिकारियों द्वारा रेस्क्यू किए गए बाघ को आज सुरक्षित तरीके से गुरूघासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए ही भारत सरकार की ओर से ‘गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व‘ के रूप में एक नया टायगर रिजर्व घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि टायगर रिजर्व देश का 56वां टायगर रिजर्व है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की सलाह पर छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को अधिसूचित किया। कुल 2829.38 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस बाघ अभयारण्य में 2049.2 वर्ग किलोमीटर का कोर/ क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट शामिल है, जिसमें गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं। आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है।
Mahesh Kashyap Archives – JoharCG