मैनपाट का बुद्ध मंदिर: छत्तीसगढ़ का तिब्बत और पर्यटन का अद्भुत केंद्र

Budha Temple Mainpat

joharcg.com Budha Temple Mainpat मैनपाट को सरगुजा का शिमला कहा जाता है। तिब्बती लोगों का पुनर्वास मैनपाट में किया जाता है, जो डिजाइनर चटाई (कलिन) और ऊनी कपड़ों के छोटे उद्योग चलाते हैं। पूजा के लिए उन्होंने सुंदर बुद्ध मंदिर बनाया है।

दलाई लामा के अनुयायियों ने मैनपाट में मानवता का सुंदर वातावरण विकसित किया है। बुद्ध मंदिर बुद्ध विहारों और तिब्बत के लोगों की कला की सराहना करने के लिए एक जगह है।

मैनपाट, जिसे छत्तीसगढ़ का शिमला भी कहा जाता है, प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर एक अद्भुत स्थान है। यह सरगुजा जिले में स्थित है और समुद्र सतह से 3781 फीट की ऊंचाई पर है। यहां का बुद्ध मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह तिब्बती संस्कृति का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र है।

बुद्ध मंदिर का निर्माण 59 वर्ष पहले हुआ था और यह तिब्बती लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। मैनपाट में तिब्बती लोगों का पुनर्वास किया गया है, जो यहां की संस्कृति और जीवनशैली को समृद्ध करता है। इस मंदिर में भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

मंदिर के आसपास के क्षेत्र में कई दर्शनीय स्थल हैं, जैसे सरभंजा जल प्रपात, टाईगर प्वाइंट और मछली प्वाइंट। ये सभी स्थल प्राकृतिक सौंदर्य और रोमांच के लिए जाने जाते हैं। मैनपाट से रिहन्द और मांड नदियों का उदगम होता है, जो इस क्षेत्र की जलवायु को और भी आकर्षक बनाता है।

यात्रियों के लिए मैनपाट पहुंचने के कई तरीके हैं। यदि आप हवाई यात्रा करना चाहते हैं, तो दरिमा हवाई अड्डा निकटतम है। ट्रेन द्वारा यात्रा करने के लिए अंबिकापुर रेलवे स्टेशन सबसे नजदीक है। सड़क मार्ग से भी अंबिकापुर से मैनपाट तक पहुंचा जा सकता है, जहां से बस या टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है।

मैनपाट का बुद्ध मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह एक अद्भुत पर्यटन स्थल भी है, जहां आप तिब्बती संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं। यहां की शांति और प्राकृतिक सौंदर्य आपको एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा। यदि आप छत्तीसगढ़ की यात्रा पर हैं, तो मैनपाट का बुद्ध मंदिर अवश्य देखें।