सुरेश चंद्रकार

joharcg.com राजस्व विभाग ने सुरेश चंद्रकार के फर्म में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के तहत छापेमारी की, जिसमें 2 करोड़ रुपये से ज्यादा के गोलमाल का खुलासा हुआ है। यह दबिश एक विशेष जांच अभियान के तहत की गई, जिसके दौरान अधिकारियों ने दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स की गहन जांच की।

सूत्रों के मुताबिक, सुरेश चंद्रकार के फर्म ने जीएसटी रिटर्न में हेराफेरी की थी और फर्जी लेन-देन के माध्यम से करोड़ों रुपये का गोलमाल किया था। जांच में पाया गया कि इस फर्म ने कई फर्जी कंपनियों का निर्माण कर जीएसटी चोरी की थी, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।

जीएसटी टीम ने मौके पर पहुंचकर कंपनी के कई दस्तावेजों को जब्त किया और प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि फर्म ने विभिन्न बिलों और ट्रांजैक्शंस में जालसाजी की थी। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई किसी बड़े धोखाधड़ी सिंडिकेट से जुड़ी हो सकती है और पूरी तरह से जांच की जा रही है।

इस मामले के उजागर होने के बाद सुरेश चंद्रकार के फर्म के खिलाफ आपराधिक जांच शुरू कर दी गई है। उनके खिलाफ धोखाधड़ी, कर चोरी और जालसाजी के आरोप लगाए गए हैं। विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर इस तरह के मामले सामने आते हैं, तो जीएसटी चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना के बाद जीएसटी विभाग ने यह भी कहा कि देशभर में कर चोरी की रोकथाम के लिए उनकी निगरानी को और सख्त किया जाएगा। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि कर चोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो, ताकि हर नागरिक और व्यापारी को कर का सही भुगतान करना पड़े।

यह छापेमारी सरकार के एक बड़े अभियान का हिस्सा है, जिसमें भ्रष्टाचार और कर चोरी के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

रायपुर। वाणिज्यिक कर विभाग जीएसटी अपवंचन के मामलों में सख्त कार्रवाई कर रहा है। इस कड़ी में बीजापुर जिले में सड़क निर्माण फर्म मेसर्स सुरेश चंद्राकर के परिसरों पर 27 दिसंबर को निरीक्षण किया गया। प्रारंभिक जांच में फर्म द्वारा 2 करोड़ रुपए से अधिक के अपात्र इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावों का खुलासा हुआ है। आपको बतादें कि सुरेश चंद्रकार पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या का मुख्य आरोपी है।

दरअसल मुकेश चंद्रकार द्वारा बीजापुर में हुए सड़क निर्माण घोटाले के खुलासे के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। इसी के तहत वाणिज्यिक कर विभाग ने भी फर्म की जांच शुरू की। प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि राज्य वाणिज्यिक कर विभाग की जांच में पाया गया है कि फर्म द्वारा विगत वर्षों में पात्रता से अधिक आईटीसी दावों की पहचान की गई है।

वाहनों और कपड़ों जैसे अपात्र वस्तुओं पर आईटीसी का दावा किया गया जो जीएसटी प्रावधानों के खिलाफ है। व्यावसायिक स्थल पर आवश्यक रिकॉर्ड और चालान अधूरे पाए गए हैं। सीमेंट और सरिया के क्रय दिखाकर बड़ी राशि का इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया गया है, उस अनुपात में बिटूमीन क्रय नहीं दिखाया गया है।

विक्रेता ने इन विसंगतियों को स्वीकार करते हुए 30 दिसंबर 2024 को 30 लाख रूपये टैक्स का प्रारंभिक भुगतान किया है। अन्य भुगतान दस्तावेजों के सत्यापन के बाद भी लंबित हैं। विभाग द्वारा जीएसटी रिटर्न और बैंक विवरणों के मिलान सहित रिकॉर्ड की विस्तृत जांच की जा रही है, जिससे अंतिम देयता निर्धारित की जा सके।

Charan Das Mahant Archives – JoharCG