सूरजपुर जिले

joharcg.com आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित छठवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार व जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार वितरण समारोह में  राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू व मंत्री जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार श्री सी. आर. पाटिल  के कर कमलों से जल शक्ति जन भागीदारी अभियान 1.0 के अंतर्गत सूरजपुर जिले को उसके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 25 लाख रूपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गई।

जल शक्ति जन भागीदारी अभियान 1.0 जल संचय संरचना निर्माण तथा उनका डाटा बेस तैयार करने हेतु एक सफल अभियान है, जिसके अंतर्गत सूरजपुर जिले ने पूर्वी क्षेत्र की केटेगरी तीन में बारहवां रैंक हासिल किया है। कलेक्टर श्री एस.जयवर्धन के नेतृत्व व जिला पंचायत सीईओ श्री विजेन्द्र सिंह पाटले के मार्गदर्शन में यह सफलता प्राप्त की गई है। उपरोक्त पुरस्कार सूरजपुर जिले से जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री अरुण कुमार मिश्रा के द्वारा ग्रहण किया गया।

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले ने जल संरक्षण और जनभागीदारी के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। जल शक्ति जन भागीदारी अभियान 1.0 के अंतर्गत जिले को बेहतर कार्य एवं नवाचारपूर्ण पहल के लिए 25 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गई है। यह सम्मान न केवल जिले के प्रशासन के लिए गर्व का विषय है, बल्कि उन ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के लिए भी प्रेरणा है, जिन्होंने जल संरक्षण को आंदोलन के रूप में अपनाया।

अभियान के दौरान सूरजपुर जिले में वर्षाजल संचयन, तालाबों के जीर्णोद्धार, नालों की सफाई, चेकडैम निर्माण, खेत तालाब, सोख्ता गड्ढों के निर्माण जैसी कई महत्वपूर्ण गतिविधियाँ संचालित की गईं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जल के महत्व और इसके वैज्ञानिक प्रबंधन के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाए गए। स्कूलों, पंचायत भवनों और सामुदायिक स्थलों पर रैलियों, गोष्ठियों और कार्यशालाओं के माध्यम से बच्चों व युवाओं को भी इस मुहिम से जोड़ा गया।

जिले के अनेक ग्रामों में स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी से परंपरागत जल स्रोतों को पुनर्जीवित किया गया। कई स्थानों पर सामुदायिक श्रमदान के माध्यम से तालाबों की खुदाई और गहरीकरण हुआ, जिससे गर्मी के मौसम में भी पानी उपलब्ध रहने लगा। जल शक्ति जन भागीदारी अभियान के अंतर्गत प्रशासन ने तकनीकी टीमों के साथ समन्वय कर भूजल स्तर का अध्ययन करवाया, जिसके आधार पर जल संरक्षण के लिए वैज्ञानिक योजनाएँ तैयार की गईं।

सूरजपुर जिले को मिली 25 लाख रुपये की पुरस्कार राशि का उपयोग आगे जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं के सुदृढ़ीकरण, नई परियोजनाओं के क्रियान्वयन और जनजागरूकता कार्यक्रमों को और अधिक व्यापक बनाने के लिए किया जाएगा। जिला प्रशासन का कहना है कि यह सम्मान सारी टीम और जनता के संयुक्त प्रयास का परिणाम है।

अधिकारियों ने बताया कि आगे भी जिले में जल संरक्षण को जन अभियान के रूप में जारी रखा जाएगा, ताकि हर गाँव में वर्ष भर पेयजल और सिंचाई के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध रह सकें। सूरजपुर जिले की यह उपलब्धि अन्य जिलों के लिए भी एक प्रेरक मॉडल के रूप में उभर रही है, जो दिखाती है कि यदि प्रशासन और जनता मिलकर काम करें तो जल संकट जैसी गंभीर चुनौतियों का समाधान संभव है।