अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट

joharcg.com अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तानी मूल के आतंकवादी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। राणा पर आरोप है कि उसने 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में सक्रिय रूप से भाग लिया था। यह निर्णय भारत के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है, क्योंकि राणा की गिरफ्तारी के बाद उसके खिलाफ मुकदमे की प्रक्रिया को तेज किया जा सकेगा।

राणा, जो अमेरिका में एक व्यवसायी के तौर पर रह रहा था, मुंबई हमलों में शामिल आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ संपर्क में था। वह हमले के साजिशकर्ताओं के साथ मिलकर भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए योजना बना रहा था। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने राणा को एक प्रमुख आरोपी के रूप में नामित किया था और उसे भारत लाने के लिए कानूनी कार्रवाई की थी।

अमेरिकी न्यायालय ने राणा के प्रत्यर्पण के लिए भारत द्वारा दायर अपील को मंजूरी दी है। राणा की तरफ से इससे पहले अदालत में प्रत्यर्पण के खिलाफ कई दलीलें पेश की गईं थीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज कर दिया। इसके बाद भारतीय अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही उसे भारत लाकर मुकदमा चलाया जाएगा।

भारत सरकार ने इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह निर्णय आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भावना को मजबूत करेगा और अन्य आतंकवादियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की दिशा में प्रेरणा देगा।

इस फैसले से मुंबई हमलों के पीड़ितों और उनके परिवारों को भी न्याय मिलने की उम्मीद जगी है, क्योंकि यह निर्णय आतंकवादियों को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अब भारतीय न्यायालय में राणा पर मुकदमा चलेगा, जिससे वह अपने अपराधों के लिए दंडित हो सकेगा।

वाशिंगटन। मुंबई 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा के प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने उसकी दोषसिद्धि के खिलाफ समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है। भारत, पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था। राणा 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में वांछित है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह तहव्वुर राणा के लिए भारत को प्रत्यर्पित न किए जाने का आखिरी कानूनी मौका था। इससे पहले, राणा सैन फ्रांसिस्को में उत्तरी सर्किट के लिए अमेरिकी अपील कोर्ट समेत कई संघीय अदालतों में कानूनी लड़ाई हार चुका है।

राणा ने पिछले साल 13 नवंबर को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में ‘प्रमाणपत्र’ के लिए याचिका दाखिल की थी। डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद 21 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने राणा की याचिका को अस्वीकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, याचिका स्वीकार नहीं की जाती।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तहव्वुर राणा फिलहाल लॉस एंजिल्स के मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में हिरासत में है। बता दें कि अमेरिकी कोर्ट ने अगस्त 2024 में फैसला सुनाते हुए भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को भारत भेजने की मंजूरी दी थी, लेकिन मामला कागजी कार्रवाई में ही अटका रहा। भारतीय एजेंसियों ने कोर्ट में सभी सबूत पेश किए थे, जिसके बाद कोर्ट ने मंजूरी दी थी।

अमेरिका के एफबीआई ने राणा को साल 2009 में शिकागो से गिरफ्तार किया था। वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेटिव के तौर पर भारत में काम कर रहा था। हमले के मुख्य मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली को राणा ने ही हमले की साजिश रचने, रेकी करने में मदद की थी। जिसके सबूत भारत ने अमेरिका की कोर्ट में पेश किए थे, जिनमें राणा की संलिप्तता साफ दिखाई दी थी।

गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई आतंकवादियों की गोलियों की तड़तड़ाहट से कांप उठी थी। आतंकी हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गए थे, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे।

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