Son River Chhattisgarh

Son River Chhattisgarh Johar सोन नदी, सोन राज्य की महत्वपूर्ण नदी है। सोन के उद्गम को लेकर अनेक तर्क तथ्य मिथक और कथायें हैं । मिथकीय तौर पर इसका उद्गम अमरकंटक में नर्मदाकुंड के विपरीत स्थित सोनमुड़ा है, सोनमुड़ा से निकला जल माही नाला से मिलता है, जो कि आरपा और शिवनाथ की सहायक नदी है

वैसे वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित उद्गम स्थल प्रेंड्रा के सोन बचरवार के पास है ।
यह नदी बहुत पवित्र मानी जाती है । यह विश्वास किया जाता है कि इसके किनारों पर स्नान करने से मुक्ति मिलती है और यहां तक कि ब्रम्ह हत्या करने वाले व्यक्ति को भी स्वर्ग मिलता है । संस्कृत साहित्य में इसे हिरण्य वाह या हिरण्य वाहु भी कहा गया है एरियन के सोनस एरनोबोअस को भी सोन माना जाता है । रामचरितमानस, भागवत पुराण तथा महाभारत में अनेक प्रसंगों में इस नदी का उलेख मिलता है।

सोन नदी अपने उद्गम स्थल से निकलकर लगभग उत्तर की ओर बहती है और उसके बाद मरवाही पठार, जो अपेक्षाकृत समतल तथा अधिक आबाद क्षेत्र है, में प्रवेश करने से पूर्व उत्तर-पश्चिम की ओर मुड़ जाती है । यह नदी इस जिले में गभग 48 किलोमीटर तक बहती है और यहां इसकी श्रेणी द्रोणी संकरी है जिसकी इसकी महत्वपूर्ण समायक नदियां खुज्जी, माला गंगनई, नाला तथा गुजर नाला जिले की उत्तर पश्चिमी सीमा के किनारे -किनारे बहती है और वह सोन में उस स्थान पर मिलती है, जहां से वह शहडोल जिले में प्रवेश करती है । आगे चलकर इस नदी में बरतू के समीप जाहिला और सरसी के समीप महानदी आ कगारों से आगे बढ़ती है ।

सोन नदी छत्तीसगढ़ मे

छत्तीसगढ़ मे सोने नदी लगभग 50 किलोमीटर बहाने के बाद अपना दम तोड़ देती है। और मादवहि क्षेत्र मे समाप्त हो जाती है। छोडऩे और उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने के पूर्व दम्भा के समीप बनास तथा के बरडी के समीप गोपद इसमें आकर मिलती है । राज्य में इसका अधिकांश प्रवाह मार्ग समुद्र तल से 308 मीटर के ऊपर है । गोपद के संगम के बाद इसका पाट चौड़ा हो जाता है और सीधी होकर लगभग 242 मीटर बहने लगती है । गंगा के निचले मैदान में प्रवेश करने से पूर्व इसके दाहिने किनारे पर रिहन्द, कन्हार, तथा उत्तर कोईल इससे मिल जाती है। यह रामनगर के पास गंगा से जाकर मिल जाती है।

सोन नदी का तल इसकी पूरी लंबाई में लगभग विंध्य बलुआ पत्थर का है। अनेक स्थानों पर विशेषकर निचली घाटी में, वर्ष के अधिकांश समय में वह बालू से भरी रहती है, और जल धारा बहुत मामली होती है, जिसे लगभग सभी स्थानों पर चलकर पार किया जा सकता है । एक पुराने अनुमान के अनुसार इस समय पानी प्रति सेकेन्ड 620 क्यूबिक फूट निम्न स्तर तक हो जाता है ।

PHOTO GALLERY