joharcg.com सार्वजनिक शिक्षा और सुधार के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहल के तहत, राज्य परिषद शिक्षा और अनुसंधान प्रशिक्षण (एससीईआरटी) ने हाल ही में एक अनोखा और प्रेरणादायक आयोजन किया। इस आयोजन में, अधिकारी और प्राध्यापक एक दिन के लिए छात्रों की भूमिका में नजर आए, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
इस अनूठे आयोजन के अंतर्गत, एससीईआरटी ने अधिकारियों और प्राध्यापकों को एक विशेष कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर दिया, जहां वे स्वयं को छात्रों के रूप में अनुभव कर सके। इस अवसर पर, अधिकारी और प्राध्यापक कक्षा में उपस्थित हुए, जहां उन्होंने विद्यार्थियों के रूप में शिक्षण विधियों और शिक्षा के तरीकों का अनुभव किया।
आयोजन के दौरान, अधिकारी और प्राध्यापक ने विभिन्न विषयों पर कक्षाओं में भाग लिया और शिक्षण सामग्री के प्रति विद्यार्थियों के दृष्टिकोण को समझने की कोशिश की। यह अनुभव उनके लिए न केवल चुनौतीपूर्ण था बल्कि यह उनके दृष्टिकोण को भी विस्तृत और समृद्ध बनाने में सहायक रहा। इस प्रक्रिया ने उन्हें यह समझने का अवसर प्रदान किया कि किस प्रकार से विद्यार्थी विभिन्न शैक्षिक मुद्दों का सामना करते हैं और उनकी समस्याओं को कैसे हल किया जा सकता है।
कार्यक्रम का उद्देश्य यह था कि अधिकारी और प्राध्यापक शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए अधिक संवेदनशील और समझदार बन सकें। उन्हें इस आयोजन के माध्यम से विद्यार्थियों की दृष्टि से शिक्षा को देखने का मौका मिला, जिससे वे अपनी नीतियों और निर्णयों में सुधार कर सकें।
कार्यक्रम के समापन पर, प्रतिभागियों ने इस अनुभव को अत्यंत महत्वपूर्ण और सशक्त बनाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पहल से न केवल उनकी समझ में वृद्धि हुई, बल्कि इससे उनकी कार्यक्षमता और निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी सुधार हुआ है।
एससीईआरटी का यह आयोजन शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा को दर्शाता है और यह साबित करता है कि शिक्षा में सुधार के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों को समझना और अपनाना कितना आवश्यक है। अधिकारी और प्राध्यापकों द्वारा विद्यार्थियों की भूमिका में शामिल होना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो शिक्षा प्रणाली की सुधार प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बना सकता है।
इस कार्यक्रम ने यह भी दिखाया कि किस प्रकार से विविध अनुभव और दृष्टिकोण शिक्षा के क्षेत्र में वास्तविक परिवर्तन ला सकते हैं। भविष्य में भी इस प्रकार की पहल से शिक्षा प्रणाली को और अधिक सशक्त और प्रगतिशील बनाने की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं।