joharcg.com सहारनपुर. यूपी के सहारनपुर निवासी जिस दंपति ने हरिद्वार की गंगा में छलांग लगाई थी, उसमें पति की लाश तो बरामद हो गई है, लेकिन अभी तक पत्नी का कोई पता नहीं चला पाया है. घटना के दो दिन बीत चुके हैं, पुलिस और गोताखोरों की टीम उसके शव की तलाश में हरिद्वार से रुड़की तक सर्च ऑपरेशन चला रही है. माना जा रहा है कि पानी का बहाव तेज होने से शव काफी दूर भी जा सकता है. बता दें कि कर्ज ज्यादा होने से परेशान सहारनपुर के कारोबारी सौरभ बब्बर (35) ने पत्नी मोना के साथ खुदकुशी कर ली. दंपति बाइक से करीब 100 किलोमीटर दूर हरिद्वार गए फिर वहां पुल से गंगा में कूदकर जान दे दी. गंगा में कूदने से पहले कारोबारी ने परिजनों को सुसाइड नोट, सेल्फी और लोकेशन भेजी थी. सुसाइड से पहले दंपति ने परिजनों को फोन भी किया था.
सौरभ बब्बर की पत्नी की लाश को दो दिन बीत जाने के बावजूद नहीं मिल पाई है, जिससे परिवार और स्थानीय प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। यह दुखद घटना उस समय शुरू हुई जब सौरभ बब्बर की पत्नी अचानक लापता हो गई, और उसके बाद से लगातार खोजी जा रही है।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीमें पूरी मेहनत के साथ लाश की खोज में जुटी हुई हैं। खोजी कुत्तों और आधुनिक तकनीकों का उपयोग भी इस खोज में किया जा रहा है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। सौरभ बब्बर के परिवार और दोस्तों ने भी इस खोज में मदद की है और स्थानीय समुदाय ने भी सहयोग की पेशकश की है।
परिवार का कहना है कि उनकी पत्नी एक जिम्मेदार और प्यारी इंसान थीं, और उनके अचानक लापता होने से परिवार के सदस्य बेहद चिंतित और परेशान हैं। उन्होंने अधिकारियों से अपील की है कि वे अपनी पूरी शक्ति लगाकर खोज को तेज करें और जल्द से जल्द लाश को ढूंढें।
स्थानीय प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए एक विशेष टीम बनाई है, जो लापता व्यक्ति की खोज के लिए काम कर रही है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि वे हर संभव प्रयास करेंगे ताकि परिवार को इस मुश्किल घड़ी में उचित सहायता मिल सके।
इस बीच, पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर उन्हें कोई जानकारी मिले या उन्होंने कुछ देखा हो, तो वे तुरंत प्रशासन को सूचित करें। यह स्थिति न केवल परिवार के लिए अत्यंत दुखद है, बल्कि पूरे समुदाय के लिए भी चिंताजनक है।
परिवार और स्थानीय प्रशासन की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द लाश को खोजा जा सके और परिवार को इस कठिन समय में राहत प्रदान की जा सके। खोजी अभियान को तेज करने के लिए अतिरिक्त संसाधन और टीमों की भी व्यवस्था की गई है।