joharcg.com छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन अपनी 4 दिवसीय ओडिशा यात्रा के पहले दिन कटक के सरला भवन में आयोजित ‘ओडिशा साहित्य के विकास में प्रकाशक की भूमिका’ विषय पर आयोजित व्याख्यान में शामिल हुए ।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यदि किसी कवि या लेखक की रचना पुस्तक का रूप नहीं लेती तो वह लोगों के सामने नहीं आ पाती। किताब लिखे जाने के बाद उसे पाठक के सामने प्रस्तुत किया जाना ज़रूरी है। यह कार्य प्रकाशक द्वारा किया जाता है। प्रकाशन गृह लेखक की अपेक्षाओं को संप्रेषित करके यह कठिन कार्य करता है। वह पुस्तक हमारे साहित्य को समृद्ध करती है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रकाशक पुराने लेखकों और रचनाओं को प्राथमिकता देने के साथ-साथ नए लेखकों को प्रोत्साहन देकर रुढ़िवादी साहित्य को समृद्ध कर रहे हैं। प्रकाशक वह व्यक्ति होता है जो पुस्तकों, साहित्य और प्रकाशन गृहों को एकता के सूत्र में बांधता है। प्रकाशक इस कठिन कार्य को बहुत आसान और सुंदर बना देता है। इस अवसर पर राज्यपाल ने ओडिशा साहित्य को मजबूत करने में ओडिशा के प्रकाशकों और प्रकाशन गृहों की भूमिका पर अपने विचार रखे।