joharcg.com उत्तर प्रदेश में अब सड़कों के किनारे गाड़ी पार्क करने की आदत पर रोक लगने वाली है, क्योंकि राज्य सरकार ने अब सड़कों के किनारे पार्किंग पर फीस लागू करने का निर्णय लिया है। यह फैसला राज्य में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने, सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और जनता को सुविधाजनक आवागमन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
अब उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में सड़क किनारे वाहन पार्क करने पर आपको निर्धारित शुल्क अदा करना होगा। यह नई पार्किंग व्यवस्था मुख्य रूप से मेट्रो शहरों और बड़े नगरों में लागू की जाएगी, जहां पार्किंग की समस्या और ट्रैफिक जाम की समस्या ज्यादा है। सरकार ने तय किया है कि नगर निगम और नगर निकाय इस व्यवस्था की निगरानी करेंगे और हर शहर के हिसाब से अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया जाएगा।
शुरुआती चरण में यह योजना लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, आगरा और गाजियाबाद जैसे प्रमुख शहरों में लागू होगी। इन शहरों में सड़कों के किनारे अवैध रूप से खड़ी गाड़ियों की वजह से यातायात बाधित हो रहा है। इस नई नीति का उद्देश्य जनता को पार्किंग स्थल की ओर आकर्षित करना और सड़कों पर अव्यवस्थित खड़े वाहनों की समस्या को हल करना है।
नगर निगम के अधिकारी स्मार्ट पार्किंग मीटर या मैन्युअल टिकटिंग सिस्टम के जरिए इस प्रक्रिया को संचालित करेंगे। जब आप अपने वाहन को सड़क के किनारे पार्क करेंगे, तो आपको पार्किंग शुल्क चुकाने के लिए डिजिटल भुगतान का विकल्प भी मिलेगा। एक खास मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए लोगों को शुल्क का भुगतान करना होगा और वाहन की पंजीकरण संख्या को दर्ज करना होगा।
अगर आप बिना पार्किंग शुल्क अदा किए गाड़ी पार्क करते हैं, तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा, बार-बार नियमों का उल्लंघन करने पर आपकी गाड़ी को जब्त भी किया जा सकता है। नियमों के तहत यह जुर्माना हर शहर के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है, लेकिन इसका उद्देश्य लोगों को जिम्मेदार बनाना और ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखना है।
राज्य सरकार का मानना है कि इस नई व्यवस्था से सड़कों पर अनावश्यक गाड़ियों का जमावड़ा कम होगा और ट्रैफिक जाम की स्थिति में सुधार आएगा। इसके अलावा, पार्किंग शुल्क से होने वाली आय का उपयोग शहर के विकास और यातायात सुधार के लिए किया जाएगा। सरकार ने जनता से अपील की है कि वे इस व्यवस्था को सफल बनाने में सहयोग करें और निर्धारित स्थानों पर ही गाड़ियां पार्क करें।
उत्तर प्रदेश में सड़कों पर रातभर गाड़ी खड़ी करने प अब शुल्क देना होगा. नगर विकास विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है. योजना के मुताबिक, नगर निगम के अधिकार क्षेत्र (सार्वजनिक जगहों) में आने वाले स्थानों पर यदि कोई रात में गाड़ी खड़ी करता है तो उससे पार्किंग शुल्क लिया जाएगा. यह शुल्क प्रति रात 100 रुपये, हफ्ते भर के लिए 300 रुपये, महीने भर के लिए 1000 रुपये और साल भर के लिए 10000 रुपये होगा.
इतना ही नहीं यदि कोई बिना परमिट के गाड़ी खड़ी करता है तो उससे तीन गुना शुल्क वसूल किया जाएगा.
फिलहाल, इस प्रस्ताव को लेकर संबंधित विभाग से सुझाव, आपत्ति और निस्तारण के बारे में पूरी डिटेल मांगी गई है. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद नगर निगम में पार्किंग की नई नीति लागू होगी. बताया जा रहा है कि प्रदेश में स्पष्ट नीति ना होने की वजह से मनमाने तरीके से पार्किंग टेंडर उठते रहते हैं, जिसकी जलते शहरों में अवैध पार्किंग की बाढ़ आ गई है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों सुनियोजित पार्किंग के लिए नगर विकास विभाग को नीति लाने का निर्देश दिया था. जिसके बाद अब नगर विकास नई पार्किंग नीति लेकर आ रहा है.
नगर निगम द्वारा विकसित पार्किंग को निजी हाथों में भी देने पर विचार किया जा सकता है. नगर निगमों (बड़े शहरों) में पार्किंग ठेकों में बड़ी कंपनियां भी अपना टेंडर डाल सकेंगी. नगर निगम से अनुमति लेने के बाद ठेकेदार द्वारा रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, ऑफिस, कॉलेज, हॉस्टल, व्यावसायिक भवन आदि स्थानों के पास निर्मित पार्किंग से शुल्क लिया जाएगा. योजना के तहत मल्टी लेवल कार पार्किंग की सुविधा भी विकसित की जाएगी.
पार्किंग शुल्क जो प्रस्तावित किए गए हैं-
आबादी के हिसाब से पार्किंग शुल्क लिया जाएगा. 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में दो पहिया 855 और चार पहिया के लिए 1800 रुपये का मासिक पास बनेगा. 2 घंटे के लिए दो पहिया और चार पहिया वाहन का रेट 15 और 30 रुपये होगा. वहीं, एक घंटा पार्किंग करने पर 7 और 15 रुपये देना होगा.
10 लाख से कम आबादी वाले शहर में दो पहिया के लिए 600 रुपये और चार पहिया का 1200 रुपये का मासिक पास बनेगा. 2 घंटे के लिए दो पहिया और चार पहिया वाहन का रेट 10 और 20 रुपये होगा. वहीं, एक घंटा पार्किंग करने पर 5 और 10 रुपये होगा. रात्रिकालीन पार्किंग 11 से सुबह 6 बजे तक होगी. उसका अलग रेट है.(aajtak.in)