राशन दुकान

joharcg.com राशन दुकान संचालकों ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर में हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल का असर राज्य के कई जिलों में देखा जा रहा है, जहाँ राशन वितरण पूरी तरह से ठप हो गया है। दुकान संचालक सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं, जिनमें मुख्य रूप से कमीशन बढ़ाने और बेहतर कार्यशर्तों की बात शामिल है।

राशन दुकान संचालकों की हड़ताल उनकी 6 प्रमुख मांगों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो इस प्रकार हैं:

  1. कमीशन में बढ़ोतरी: संचालक लंबे समय से अपने कमीशन में वृद्धि की मांग कर रहे हैं, जो वर्तमान में बेहद कम है और उनकी आजीविका पर सीधा असर डाल रहा है।
  2. वेतनमान की निश्चितता: संचालक चाहते हैं कि उन्हें निश्चित वेतनमान दिया जाए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।
  3. बकाया भुगतान: कई दुकानों पर सरकार की तरफ से बकाया कमीशन का भुगतान लंबित है, जिसे तत्काल जारी करने की मांग की जा रही है।
  4. प्रणाली में पारदर्शिता: राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए दुकान संचालकों का सहयोग लिया जाए और सभी फैसलों में उनकी भागीदारी हो।
  5. बीमा योजना: दुकानदारों के लिए जीवन बीमा योजना का प्रावधान किया जाए, जिससे वे अपने परिवार को सुरक्षा प्रदान कर सकें।
  6. नई दुकानों की खोलने पर रोक: संचालकों का कहना है कि पहले से संचालित दुकानों के हितों को सुरक्षित रखते हुए नई दुकानों को खोलने पर रोक लगाई जाए।

इस हड़ताल का सीधा असर राशन वितरण पर पड़ रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों में राशन लेने आए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गरीब और निम्न आय वर्ग के परिवार, जो सरकारी राशन पर निर्भर हैं, वे इस आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। कई लोग राशन की दुकानों पर जाकर निराश लौट रहे हैं, क्योंकि दुकानों पर ताले लटके हुए हैं।

सरकार ने अब तक इस आंदोलन पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही संचालकों से बातचीत की जाएगी। सरकार की प्राथमिकता यह है कि राशन वितरण जल्द से जल्द बहाल हो, ताकि गरीब परिवारों को परेशानी न हो।

राशन दुकान संचालकों का कहना है कि वे अपने हितों के लिए इस आंदोलन को तब तक जारी रखेंगे, जब तक सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लेती। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन और भी उग्र हो सकता है।

अगर सरकार और राशन दुकान संचालकों के बीच कोई सहमति नहीं बनती है, तो आने वाले दिनों में यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है। संचालकों ने साफ किया है कि वे अपनी मांगों पर किसी प्रकार का समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं।

राशन दुकान संचालकों की हड़ताल ने प्रदेशभर में राशन वितरण को प्रभावित किया है, जिससे लाखों परिवारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार और संचालकों के बीच जल्द ही समाधान निकाला जाना जरूरी है, ताकि आम जनता को इस संकट से राहत मिल सके।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के राशन दुकान संचालकों ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्यव्यापी हड़ताल शुरू कर दी है। राशन दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ छत्तीसगढ़ के बैनर तले संचालकों ने मंगलवार को नया रायपुर के तूता धरना स्थल पर प्रदर्शन किया। आज राजधानी में प्रदर्शन के बाद, कल से सेल्समैन ब्लॉक, जिला और तहसील स्तर पर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर रहेंगे।

इस हड़ताल से राशन वितरण पूरी तरह प्रभावित हो सकता है, जिससे सभी वर्गों को मिलने वाले खाद्य सामग्री की आपूर्ति रुकने की आशंका है।
राशन दुकान संचालकों की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीनों की गुणवत्ता में सुधार।
राशन आवंटन में अनियमितताओं का समाधान।
वित्तीय सहायता की समय पर उपलब्धता और मार्जिन राशि में वृद्धि।
राशन भंडारण में सुधार के लिए नई कनेक्टिविटी की व्यवस्था।
राशन वितरण के अलावा अन्य कार्यों के लिए अतिरिक्त पारिश्रमिक।
कोरोना काल की अनुदान राशि का शीघ्र भुगतान।
सरकार से संवाद विफल, अब सड़कों पर आंदोलन

राशन दुकान संचालक पहले भी अपनी मांगों को लेकर मंत्रियों और अधिकारियों से बातचीत कर चुके हैं। बीते दिनों संघ के पदाधिकारियों ने खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल से मुलाकात की थी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया। इसके बाद संघ ने प्रदर्शन और हड़ताल का रास्ता चुना है।

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