Shiv Temple Ghatiyari

joharcg.com (Shiv Temple Ghatiyari) स्थापत्य कला की दृष्टि से मात्र-अधिष्ठान तथा गर्भगृह शेष है । इस मंदिर का निर्माण 11-12 वीं शताब्दी में किया गया था ।

राजनांदगांव शहर से दूरी – 79 किलोमीटर

शिव मंदिर, घाटियारी, छत्तीसगढ़ के राजनांदगाँव जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह मंदिर अपनी अद्वितीय वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।

मंदिर का इतिहास

घाटियारी का शिव मंदिर 11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच का है और इसे कालयुगी कालचुरी काल के दौरान बनाया गया था। यह मंदिर उस समय के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन का प्रतीक है। यहाँ की पुरातात्विक खुदाई से पता चला है कि इस क्षेत्र में पहले कई अन्य मंदिर भी थे, लेकिन समय के साथ वे नष्ट हो गए।

वास्तुकला

घाटियारी शिव मंदिर की वास्तुकला त्रिकुटाचल शैली में है, जिसमें गर्भगृह, अंतराल और मंडप शामिल हैं। मंदिर का मंडप चार स्तंभों पर आधारित है और इसका आधार चार फुट ऊँचा है। गर्भगृह में एक शिवलिंग स्थापित है, जो यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है।

मंदिर के प्रवेश द्वार पर नंदी और महाकाल के दवारपालों की मूर्तियाँ हैं, जो इसकी भव्यता को और बढ़ाती हैं। यहाँ की दीवारों पर विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी उकेरी गई हैं, जो इसकी धार्मिक महत्ता को दर्शाती हैं।

धार्मिक गतिविधियाँ

घाटियारी शिव मंदिर में हर साल महाशिवरात्रि जैसे प्रमुख त्योहारों का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ आते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर के आसपास भव्य मेले का आयोजन भी होता है, जिसमें स्थानीय लोग और पर्यटक शामिल होते हैं।

यात्रा की जानकारी

घाटियारी शिव मंदिर, राजनांदगाँव शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए स्थानीय परिवहन सुविधाएँ उपलब्ध हैं, और आप अपनी गाड़ी से भी यहाँ आ सकते हैं।

निष्कर्ष

घाटियारी का शिव मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु न केवल आध्यात्मिक शांति का अनुभव करते हैं, बल्कि इस ऐतिहासिक स्थल की सुंदरता और वास्तुकला का भी आनंद लेते हैं। यदि आप धार्मिक पर्यटन के शौकीन हैं, तो घाटियारी का शिव मंदिर आपकी यात्रा की सूची में अवश्य होना चाहिए।