Purkhouti Muktangan

Purkhouti Muktangan नवंबर 2006 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति माननीय ए पी अब्दुल कलाम द्वारा उद्घाटन किया गया यह आनंदित उद्यान छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति की एक झलक देता है| चित्र के अनुसार यहाँ छत्तीसगढ़ के जीवंत खजाने पर विभिन्न लोक कलाएं, अद्भुत, परिप्रेक्ष्य प्रदान करते हुए आदिवासियों के जीवन-संबंधी प्रदर्शन है ।

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पुरखौती मुक्तांगन छत्तीसगढ़ राज्य के नवा रायपुर में स्थित एक अनोखा और आकर्षक ओपन-एयर संग्रहालय है। यह स्थान छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को प्रदर्शित करता है और इसका उद्घाटन 2006 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा किया गया था। यह संग्रहालय लगभग 200 एकड़ में फैला हुआ है और इसका उद्देश्य राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रस्तुत करना है।

पुरखौती मुक्तांगन में छत्तीसगढ़ की जनजातीय और ग्रामीण संस्कृति को खूबसूरती से दर्शाया गया है। यहाँ पर आदिवासी जीवन, उनकी कला, शिल्प, नृत्य, और पारंपरिक रीति-रिवाजों को जीवंत रूप में प्रदर्शित किया गया है। संग्रहालय में विभिन्न जनजातियों की झोपड़ियाँ, हस्तकला वस्त्र, और उनके दैनिक जीवन से जुड़ी वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं, जो दर्शकों को राज्य की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर से अवगत कराती हैं।

यहाँ पर विभिन्न आदिवासी मूर्तियाँ और कलाकृतियाँ भी स्थापित की गई हैं, जो छत्तीसगढ़ की कला और शिल्प कौशल का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। इसके अलावा, पुरखौती मुक्तांगन में एक सुंदर उद्यान भी है, जहाँ विभिन्न प्रकार के पौधे और फूल देखने को मिलते हैं। यह स्थान न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक ज्ञानवर्धक केंद्र भी है, जहाँ वे राज्य की सांस्कृतिक विरासत का अध्ययन कर सकते हैं।

पर्यटक यहाँ आकर छत्तीसगढ़ की विविध संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं और यहाँ की पारंपरिक संगीत और नृत्य प्रस्तुतियों का भी आनंद ले सकते हैं। पुरखौती मुक्तांगन नवा रायपुर का एक प्रमुख आकर्षण है, जो हर उम्र के लोगों को आकर्षित करता है और छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति की झलक प्रदान करता है। यह स्थल न केवल शिक्षा का केंद्र है बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी है।