joharcg.com भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार के आगमन पर आज राजधानी रायपुर स्थित बूढ़ापारा तालाब परिसर में आयोजित मतदाता महोत्सव प्रदर्शनी में मतदाता जागरूकता की थीम पर आयोजित कठपुतली नृत्य लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा। 

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ निर्वाचन के लिए विशेष रूप से तैयार की गई कठपुतली चुनई चिरई की थीम पर आयोजित नृत्य के जरिए मनोरंजन के साथ-साथ मताधिकार के महत्व को दिखाया गया। वहीं 15 फिट की कठपुतली के नृत्य ने सबका मन मोह लिया, इसमें राजा और उनकी रानी तपस्या का नृत्य मतदाता जागरूकता के संदेशों से भरा रहा।


इस अवसर पर मैं भारत हूँ भारत है मुझमें मैं ताकत हूँ ताकत है मुझमें, बाकी कौनो काम भले बाद करव/ उठा चलव पहिली मतदान करव, आने वाली पीढ़ी भी हम पर अभिमान करें/चलो चलो मतदान करें, वोट करो मतदान करो/मतदान करो सबलोग जैसे जागरूकता गीतों में कठपुतली नृत्य हुआ। बिलासपुर से आया यह समूह लगभग 24 वर्षों से कठपुतली नृत्य का मंचन कर रहा है। इसकी संचालिका श्रीमती किरण मोइत्रा हैं।

विशेष रूप से तैयार की गई कठपुतली चुनई चिरई का नृत्य सबको भाया
15 फिट के राजा और रानी तपस्या कठपुतली के नृत्य ने मोह लिया सबका मन

हाल ही में, एक अनूठी पहल के तहत, कठपुतली नृत्य का आयोजन किया गया जिसने न केवल मनोरंजन किया बल्कि मतदाताओं को जागरूक करने का महत्वपूर्ण संदेश भी दिया। यह कार्यक्रम लोगों को मतदान के महत्व को समझाने और चुनाव प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।

कठपुतली नृत्य, जो पारंपरिक भारतीय कला का एक प्रमुख हिस्सा है, को इस बार एक नए उद्देश्य के साथ प्रस्तुत किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं को जागरूक करना और उन्हें चुनाव में भाग लेने के लिए प्रेरित करना था। कठपुतली नृत्य के माध्यम से चुनावी संदेशों को रोचक और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया, जिसने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया और उन्हें मतदान के महत्व को समझाया।

कठपुतली नृत्य में विभिन्न रोचक कथानकों का उपयोग किया गया जो दर्शकों को बांध कर रखने में सफल रहा। इन कथानकों में मतदान के महत्व, एक जिम्मेदार नागरिक के कर्तव्य, और स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव की आवश्यकता को उभारा गया। नृत्य में उपयोग की गई कहानियों ने न केवल मनोरंजन किया बल्कि समाज के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई।

कठपुतली नृत्य की प्रस्तुति शानदार और आकर्षक थी। नर्तकियों ने अपनी कला के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नृत्य में रंग-बिरंगे कपड़े, मनमोहक कठपुतलियाँ और सुरीले संगीत का उपयोग किया गया, जिससे पूरे कार्यक्रम में एक जीवंतता और आनंद का माहौल बना रहा।

इस आयोजन में स्थानीय समुदाय की व्यापक भागीदारी देखी गई। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और कठपुतली नृत्य के माध्यम से मतदान के संदेश को सराहा। इस प्रकार की पहल ने समुदाय में एकजुटता और जागरूकता को भी बढ़ावा दिया।

दर्शकों ने इस अनूठी पहल की भरपूर सराहना की। कई लोगों ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल मनोरंजक होते हैं बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने के लिए भी बेहद प्रभावी हैं। दर्शकों ने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहेगा जो समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करेंगे।

कठपुतली नृत्य के माध्यम से मतदाताओं को जागरूक करने का यह प्रयास न केवल सफल रहा बल्कि इसने एक नया दृष्टिकोण भी प्रस्तुत किया कि कैसे पारंपरिक कला के माध्यम से सामाजिक संदेशों को प्रभावी ढंग से पहुँचाया जा सकता है। इस पहल ने दिखाया कि कला और संस्कृति का उपयोग समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए किया जा सकता है और इस प्रकार के कार्यक्रमों को निरंतर प्रोत्साहित करना चाहिए।

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