joharcg.com किसान समुदाय को इस बार एक नई परेशानी का सामना करना पड़ा है। सरकारी खरीदी केंद्रों पर धान बेचने के लिए किसानों से टोकन तो काटे गए, लेकिन खेतों में फसल की कमी हो गई और अब उनके पास बेचने के लिए धान नहीं बचा। यह स्थिति कई किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि टोकन कटने के बाद भी उनके पास उपज नहीं थी, और वे अब नुकसान में हैं।

किसानों का कहना है कि बुआई के समय मौसम के कारण धान की उपज उम्मीद से कम हुई, और अब उनके पास बेचने के लिए पर्याप्त मात्रा में फसल नहीं बची। कुछ किसानों का यह भी कहना है कि जब उन्होंने टोकन कटवाए थे, तब फसल अभी पूरी तरह से पक नहीं पाई थी, लेकिन अब टोकन के बावजूद धान उपलब्ध नहीं है।

इस समस्या से किसानों में निराशा का माहौल है क्योंकि उन्हें अब धान बेचने का कोई उपाय नहीं दिख रहा है। कई किसान यह भी सवाल उठा रहे हैं कि अगर उनके पास पर्याप्त धान नहीं है, तो सरकार को उनके टोकन को निरस्त करना चाहिए था, ताकि उन्हें नुकसान से बचाया जा सके।

इस पर कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसानों की समस्याओं को लेकर विभाग गंभीर है और उन्हें उचित समाधान देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां फसल की कमी है, वहां किसानों को राहत देने के उपायों पर विचार किया जाएगा।

इस संकट का सामना कर रहे किसानों के लिए यह समय बेहद कठिन है, और उन्हें उम्मीद है कि सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए जल्दी कदम उठाएगी, ताकि उनकी मेहनत और भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।

बिलासपुर,18 जनवरी 2025/धान खरीदी की प्रक्रिया पर जिला प्रशासन की पैनी नज़र है। संयुक्त जांच टीम को सत्यापन के दौरान कुछ ऐसे मामले मिले कि बेचने के लिए उनके घर में एक बोरी भी धान बचा नहीं  है, लेकिन बड़ी मात्रा में धान बेचने के लिए टोकन कटा रखे हैं। ऐसे सभी प्रकरणों में उनकी सहमति से रकबा समर्पण कराया गया। शायद किसी कोचिया अथवा दलाल के धान को अपने टोकन से खपाने की मंशा से किया गया हो। लेकिन सजगता से पकड़ लिए गए। कलेक्टर ने सत्यापन की कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए हैं।

जिला खाद्य अधिकारी अनुराग भदौरिया ने बताया कि उप तहसील गनियारी के ग्राम नेवरा में तहसीलदार सकरी एवं नायब तहसीलदार गनियारी द्वारा कृषकों के पास उपलब्ध धान की जाँच की गई। ग्राम नेवरा के कृषक रामनारायण जिनके द्वारा सोमवार को 386 क्विंटल धान विक्रय करने के लिए टोकन कटाया गया है। कृषक के पास उपलब्ध धान का भौतिक सत्यापन किया गया एवं मौके पर केवल 100 क्विंटल धान प्राप्त हुआ। अतः 286 क्विंटल धान हेतु कृषक से रकबा समर्पण कराया गया।

साथ ही गनियारी के कृषक छोटेलाल जिनके द्वारा 75 क्विंटल धान का टोकन कटाया गया है, के पास उपलब्ध धान के भौतिक सत्यापन में केवल 20 क्विंटल धान प्राप्त हुआ एवं 55 क्विंटल धान का रकबा समर्पण कृषक से कराया गया। तहसील बेलतरा के ग्राम लिम्हा में कृषक शुकवार सिंह गौर के द्वारा 100 क्विंटल धान विकय करने हेतु टोकन कटाया गया था। भौतिक सत्यापन में केवल 29.6 क्विंटल धान प्राप्त हुआ। शेष धान का रकबा समर्पण कराया गया।

अनुविभागीय अधिकारी (रा०) कोटा द्वारा धान उपार्जन केन्द्र पिपरतराई का निरीक्षण किया गया। मौके पर उपस्थित कृषक रम्हाई  पिता खोरबहरा के द्वारा विकय हेतु लाया गया 59 बोरी धान पुराना एवं खराब किस्म का पाया गया। उपरोक्त धान को जप्त करते हुए समिति प्रबंधक के सुपुर्द किया जाकर 31 जनवरी 2025 के बाद मुक्त करने के निर्देश दिये गए।

तहसील बेलगहना में राजस्व विभाग द्वारा कृषकों के पास उपलब्ध धान का सत्यापन किया गया। सत्यापन के दौरान कृषक जाहितर सिंह पिता भीखनू ग्राम मझगवा का 160 क्विंटल का टोकन दिनांक 20 जनवरी के लिये केन्दा सोसायटी हेतु कटवांया गया है किन्तु सत्यापन में धान उपलब्ध नहीं पाया गया।

इसी प्रकार कृषक रवि प्रकाश पिता विभीषण निवासी ग्राम कटरा के पास उपलब्ध धान का भौतिक सत्यापन किया गया। कृषक का दिनांक 20 जनवरी को 300 क्विंटल धान का टोकन केंदा सोसायटी में कटा है, किन्तु सत्यापन में धान भौतिक रूप से उपलब्ध नहीं पाया गया। उपरोक्त दोनों कृषकों के संबंध में सेवा सहकारी समिति केन्दा के प्रबंधक को रकबा समर्पण हेतु निर्देशित किया गया है।

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