मायावती

joharcg.com लखनऊ। बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मायावती एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वसम्मति से चुनी गईं। कार्यकारिणी की बैठक में देश भर के बसपा के पदाधिकारी, तमाम राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकारिणी के सदस्य शामिल हुए। इस बैठक में संगठन मजबूती वोट बैंक बढ़ाने सहित विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई। मीटिंग में मायावती ने चुनाव जीतने का मूलमंत्र भी दिया।

बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती साल 2003 के बाद से लगातार पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी जाती रहीं हैं और इस बार भी उन्हें ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आकाश आनंद का भी कद बढ़ाया गया है। नेशनल कोऑर्डिनेटर के साथ ही चार चुनावी राज्यों के प्रभारी की भी जिम्मेदारी दी गई है। हरियाणा जम्मू कश्मीर झारखंड, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रभारी की जिम्मेदारी आकाश आनंद को मिली है।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख नेता मायावती को एक बार फिर पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। मायावती का पुनः चुनाव उनके नेतृत्व में पार्टी के प्रति विश्वास और उनके अडिग संकल्प का प्रतीक है। इस निर्णय ने बसपा के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्साह का माहौल पैदा कर दिया है।

मायावती, जो चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं, ने अपने नेतृत्व में बसपा को एक प्रमुख राजनीतिक ताकत के रूप में स्थापित किया है। उनके नेतृत्व में पार्टी ने दलित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष किया है। उनका राजनीतिक अनुभव और संगठनात्मक कौशल बसपा को राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रभावशाली ताकत बनाता है।

इस पुनः चुनाव से यह स्पष्ट हो जाता है कि बसपा का नेतृत्व अभी भी मायावती के हाथों में सुरक्षित है, और उनके नेतृत्व में पार्टी अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ती रहेगी। बसपा कार्यकर्ता और समर्थक इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं, क्योंकि मायावती का नेतृत्व हमेशा से पार्टी को एकजुट रखने और उसे मजबूती प्रदान करने का कारण रहा है।

मायावती का पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, खासकर तब जब देश में राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव हो रहा है। उनके नेतृत्व में, बसपा आगामी चुनावों में अपनी रणनीति और नीतियों को और अधिक प्रभावशाली तरीके से लागू कर सकती है।

यह कदम बसपा के लिए एक नई शुरुआत और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहने का संकेत है। मायावती का पुनः अध्यक्ष चुना जाना न केवल पार्टी के लिए बल्कि भारतीय राजनीति के लिए भी एक महत्वपूर्ण घटना है।
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