Joharcg.com उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किए गए अपने किस्म के अनूठे स्कूल ”स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस” (SOSE), लाजपत नगर का दौरा किया. SOSE लाजपत नगर 21st सेंचुरी हाई-एंड स्किल्स डोमेन का स्कूल है, जिसका उद्देश्य बच्चों में 21वीं सदी के आवश्यक कौशलों को विकसित करना है, ताकि वे भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार हो सकें. मनीष सिसोदिया ने ‘स्किल्स ऑन व्हील्स बस’ का भी दौरा किया और उन बच्चों के साथ बातचीत की, जिन्होंने बस में उपलब्ध उपकरणों का उपयोग कर बहुत से प्रोजेक्ट तैयार किए थे
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, ‘हम सभी 21वीं सदी में रह रहे हैं, जहां चीजें बहुत तेजी से बदल रही हैं. हमारे छात्रों को ऐसे कौशल के साथ तैयार रहने की जरूरत है, जो भविष्य के लिए उपयोगी हो और टेक्नोलॉजी ओरिएंटेड हों. हम उन बच्चों को पर्याप्त अवसर देना चाहते हैं, जहां वे केवल किसी विषय को रटने और उसकी किताबी समझ के बजाय व्यावहारिक जीवन में उपयोग में लाते हैं. इसे देखते हुए हमने 21st सेंचुरी हाई-एंड स्किल्स डोमेन पर आधारित एसओएसई बनाए हैं, जहां बच्चों को नए जमाने के स्किल्स को जानने और उसकी समझ बनाने में मदद मिलेगी. इन एसओएसई में बच्चे को डिजिटल मीडिया एंड डिजाइन, इलेक्ट्रोमैकेनिकल प्रोडक्शन, फैशन टेक्नोलॉजी, फाइनेंस एंड अकाउंटिंग कुलिनरी आर्ट्स एंड फ़ूड प्रोसेसिंग जैसे कोर्सेज को सीखने का मौका मिलेगा
टेक्नोलॉजी की भूमिका पर चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, “आज पूरे विश्व के लिए टेक्नोलॉजी एक इनेबलर का काम कर रही है. हम SOSE की स्पेशलाइज्ड एजुकेशन में टेक्नोलॉजी के समावेशन पर बहुत ध्यान देंगे.“ उन्होंने कहा कि पहले बच्चे पेन और पेपर का उपयोग एक मशीन के डिजाइन को तैयार करने के लिए करते थे, जिसकी अपनी सीमाएं होती थीं, लेकिन टेक्नोलॉजी के साथ बच्चे अब मशीन डिजाइन के विभिन्न पहलुओं को कवर कर सकते हैं और एक समाधान के साथ आ सकते हैं, जो वर्तमान समय के लिए उपयुक्त है.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम स्किल्स के पारंपरिक विचारों से परे जाना चाहते हैं और उन्हें वास्तव में हाई-एंड स्किल्स बनाने के लिए टेक्नोलॉजी को एम्बेड करना चाहते हैं. उन्होंने ‘स्किल्स ऑन व्हील्स’ की सराहना करते हुए कहा कि- ये एक शानदार पहल है, जिसमें एक मल्टी स्किलिंग लेबोरेटरी बस जिसे नॉलेज पार्टनर लेंड ए हैंड इंडिया द्वारा डिजाइन किया गया है, पूरे दिल्ली में विभिन्न एसओएसई में घूम कर बच्चों की अप-स्किल्लिंग में मदद कर रही है. बस में कई तरह के उपकरण और इंस्टूमेंट्स हैं, जिनका उपयोग बच्चों में विभिन्न स्किल्स कॉन्सेप्ट्स को विकसित करने के लिए किया जा सकता है.आ सकते हैं, जो वर्तमान समय के लिए उपयुक्त है
विजिट के दौरान मनीष सिसोदिया ने कक्षा 9 के बच्चों के साथ बातचीत की, ताकि वे एसओएसई में बच्चों के सीखने के लिए तैयार किए गए नए एनवायरनमेंट पर बच्चों के दृष्टिकोण को समझ सकें. स्कूल में सीखने के गतिविधि-आधारित तरीके के बारे में बताते हुए बच्चों ने उपमुख्यमंत्री को टेबल लैंप के वर्किंग मॉडल, घरों के लिए ऊर्जा संरक्षण मॉडल, वॉटर पंप सिस्टम के बारे में बताया. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उनकी क्लासेज में सीखने के लिए नए तरीकों जैसे पीअर लर्निंग, टीम वर्क जैसे कॉन्सेप्ट्स को अपनाया जा रहा है
विजिट के दौरान शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश राय, शिक्षा निदेशक के प्रधान सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा, क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक केएस उपाध्याय सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे. उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने पिछले महीने स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के 20 स्कूल शुरू किए हैं. इनमें से आठ स्कूल स्टेम डोमेन, पांच-पांच स्कूल हाई एंड 21st सेंचुरी स्किल्स और हयूमैनिटिज़ डोमेन के हैं, जबकि दो स्कूल परफोर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स डोमेन के हैं. एसओएसई, दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (DBSE) से एफिलियेटेड हैं, जिसने दिल्ली के स्कूलों में वर्ल्ड क्लास एजुकेशन लाने के लिए इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (IB) के साथ साझेदारी की है