joharcg.com छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने ‘हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान’ विषय पर बोलते हुए कहा कि भारतीय संविधान सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि यह हमारे देश की सदियों पुरानी संस्कृति, इतिहास और परंपराओं का आदर्श आइना है। उनका यह बयान भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में दिया गया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में भारतीय संविधान की महत्ता को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह संविधान न केवल एक कानूनी ढांचा प्रस्तुत करता है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, आस्था और परंपराओं की जड़ों से जुड़ा हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान का उद्देश्य नागरिकों को समान अधिकार और अवसर देना है, जो भारतीय समाज की विविधता और एकता को मजबूत करता है।
श्री विष्णु देव साय ने यह भी बताया कि भारतीय संविधान ने धर्म, जाति, लिंग और भाषा की विविधताओं के बावजूद एकजुटता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने संविधान को एक मजबूत दर्पण के रूप में देखा, जो भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक धारा को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है।
मुख्यमंत्री ने भारतीय संविधान के निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके विचारों को जीवित रखने की आवश्यकता जताई। श्री साय ने यह भी कहा कि संविधान की असल ताकत उसमें निहित उन मूल्यों में है जो हमें समानता, न्याय और स्वतंत्रता की दिशा में प्रेरित करते हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के नागरिक कल्याण और विकास के प्रयासों को भी साझा किया। उन्होंने राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में किए गए सुधारों को भी प्रमुखता से प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अंत में सभी नागरिकों से संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करने और भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत करने का आह्वान किया। उनका यह भाषण राज्यवासियों को अपने संविधान के प्रति गर्व और सम्मान की भावना से ओत-प्रोत करने का प्रयास था।