Joharcg.com अफगानिस्तान के कंधार शहर की एक शिया मस्जिद में शुक्रवार दोपहर जोरदार धमाका हुआ। आरंभिक खबरों के अनुसार इसमें 32 लोगों की मौत हो गई और 40 से ज्यादा घायल हुए हैं। जुमे की नमाज के दौरान शिया मस्जिद को लगातार दूसरे सप्ताह निशाना बनाया गया है। पिछले सप्ताह कुंदुंज प्रांत में इसी तरह बम धमाका किया गया था।
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि कंधार के सिटी पुलिस डिस्ट्रिक्ट 1 (PD1) स्थित मस्जिद में यह धमाका हुआ। विस्फोट में 32 लोग मारे गए हैं और 40 अन्य घायल हुए हैं। हमले की अभी किसी आतंकी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
कंधार में हुआ धमाका इसलिए चौंकाने वाला है, क्योंकि यह तालिबान का गढ़ है। यानी देश में सत्तारूढ़ तालिबान का गढ़ ही सुरक्षित नहीं है। आतंकी संगठन आईएसआईएस शियाओं को लगातार निशाना बना रहा है, क्योंकि वह मानता है कि शिया इस्लाम के धोखेबाज हैं। आईएसआईएस के समर्थक सुन्नी मुस्लिम हैं।
इससे पहले आठ अक्तूबर को कुंदुज प्रांत की शिया मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान हुआ था। इसमें 50 से अधिक लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएस-के ने ली थी। इस धमाके की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कड़ी निंदा की थी। सुरक्षा परिषद ने कहा था कि आतंक के आकाओं को न्याय के कटघरे में खड़ा करने की आवश्यकता है। यह हमला एक कायरतापूर्ण कृत्य है। आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए शांति व सुरक्षा का मुद्दा बन गया है। सुरक्षा परिषद ने आतंकवाद के आकाओं, इनके फाइनेंसरों को पकड़ने की आवश्यकता व्यक्त की।
इसलिए हुआ था हमला
घटना की जिम्मेदारी लेते हुए आईएस-के से जुड़ी आमाक संवाद एजेंसी ने हमलावर की पहचान एक उइगर मुस्लिम के रूप में की थी और दावा किया था कि इस हमले का निशाना शिया समुदाय और तालिबान दोनों थे क्योंकि चीन के दबाव में तालिबान उइगर मुस्लिमों को बाहर निकाल रहा है। अमेरिकी और नाटो सेनाओं के लौटने के बाद से आईएस लगातार तालिबान के शासन को चुनौती देने के साथ अल्पसंख्यक शिया समुदाय और धर्मस्थलों को निशाना बना रहा है।