joharcg.com रायपुर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। पूरे शहर में भक्ति और उल्लास का माहौल है, जहां मंदिरों को रंग-बिरंगी रोशनी और फूलों से सजाया गया है। इस साल की खास बात यह है कि रायपुर के कोतवाली थाने में भी कन्हैया के जन्म की विशेष तैयारी की गई है, जो शहरवासियों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
रायपुर के प्रमुख मंदिरों में जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में विशेष सजावट की गई है। जगन्नाथ मंदिर, बंजरंगबली मंदिर और श्रीकृष्ण मंदिर जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को आकर्षक रंग-बिरंगी लाइट्स, फूलों की माला, और पारंपरिक दीपों से सजाया गया है। भक्तगण बड़े उत्साह से इन मंदिरों में दर्शन के लिए आ रहे हैं। मंदिरों में दिनभर कीर्तन और भजन का आयोजन किया जा रहा है, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है।
शहर के कोतवाली थाना में इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन कुछ खास अंदाज में किया जा रहा है। पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों ने मिलकर थाने को मंदिर की तरह सजाया है, जहां कान्हा के जन्म की तैयारी की जा रही है। यह आयोजन थाने की अनूठी परंपरा का हिस्सा बन गया है, और हर साल इसे धूमधाम से मनाया जाता है। थाने के पुलिसकर्मी इस आयोजन के माध्यम से अपने धार्मिक और सांस्कृतिक कर्तव्यों को निभाते हुए समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं।
मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जा रहा है। श्रीकृष्ण की जन्म की रात को विशेष आरती और भजन का आयोजन होगा, जिसमें भक्तजन बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। इस अवसर पर मंदिरों में भक्तों के लिए विशेष प्रसाद की व्यवस्था की गई है। विभिन्न मिठाइयों और फलों से सजी थाली का भोग श्रीकृष्ण को अर्पित किया जाएगा और बाद में इसे भक्तों के बीच बांटा जाएगा।
रायपुर के लोग श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के इस पावन पर्व को लेकर बेहद उत्साहित हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, सभी इस त्योहार को पूरे जोश और उमंग के साथ मना रहे हैं। खासकर बच्चों के लिए इस पर्व का विशेष महत्व है, क्योंकि उन्हें कान्हा की लीलाओं के बारे में जानने और समझने का अवसर मिलता है। बच्चों के लिए मटकी फोड़ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है, जिसमें वे कृष्ण के बालरूप की मस्ती को अनुभव कर सकते हैं।
जन्माष्टमी के मौके पर रायपुर पुलिस ने शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। भीड़भाड़ वाले इलाकों में विशेष गश्त लगाई जा रही है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। साथ ही, ट्रैफिक को सुचारू रखने के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। प्रशासन ने सभी मंदिरों में सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
रायपुर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भक्ति, उल्लास और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बन गया है। मंदिरों में सजावट और कोतवाली थाने में कान्हा के जन्म की तैयारी ने इस पर्व को और भी खास बना दिया है। भक्तों का उत्साह चरम पर है, और सभी इस पावन अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की कृपा की कामना कर रहे हैं। इस अद्भुत माहौल में, रायपुरवासी एक बार फिर से भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का आनंद ले रहे हैं और भक्ति की इस अविरल धारा में डूबकर पुण्य लाभ कमा रहे हैं।
रायपुर। जयंती योग सहित छह योगों के संयोग में सोमवार को कृष्ण जन्माष्टमी की धूम मचेगी। जन्माष्टमी पर सर्वार्थसिद्धि, स्थिर योग, हर्षण योग, शश योग, गजकेशरी योग का संयोग बन रहा है। राजधानी में 10 से अधिक राधा-कृष्ण मंदिरों में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम मचेगी। जुगलजोड़ी सरकार के श्रीविग्रह का श्रृंगार मथुरा-वृंदावन से मंगवाई गई पोशाक से किया जाएगा। मंदिर परिसर को कोलकाता से लाए गए सफेद, लाल गुलाब से सजाया गया है। खास आकर्षण कोतवाली थाना का कारागार होगा, जहां आधी रात को श्रीकृष्ण का जन्म होगा। आधी रात को वासुदेव टोकरी में श्रीकृष्ण के श्रीविग्रह को सिर पर रखकर गोपाल मंदिर लेकर आएंगे।
जवाहर नगर
जवाहर नगर स्थित राधाकृष्ण मंदिर में फूलों से कारागार के सात दरवाजे बनाए गए हैं। मंदिर में शाम को भजन के दौरान संगीत की धुन से बादल के गरजने, बिजली के चमकने और शिशु के रोने की आवाज सुनाई देगी। इससे पूर्व सुबह 8.30 बजे जुगलजोड़ी सरकार का 501 लीटर दूध से अभिषेक, महाआरती की जाएगी। भक्तों को दही, माखन-मिश्री का प्रसाद वितरित किया जाएगा। अगले दिन 27 अगस्त को शोभायात्र निकालकर नंदोत्सव मनाया जाएगा।
इस्कॉन मंदिर
टाटीबंध स्थित इस्कॉन मंदिर परिसर को कोलकाता के लाल गुलाबों से सजाया गया है। राधारासबिहारी के श्रीविग्रह का श्रृंगार मुंबई और वृंदावन से लाए वस्त्रों से किया जाएगा।मंदिर में तीन दिन 25 से 27 अगस्त तक जन्माष्टमी की धूम रहेगी। फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता एवं भक्ति नृत्य, भजन संध्या, शील प्रभुपाद व्यास पूजा महा-महोत्सव और श्री राधाष्टमी महामहोत्सव जैसे अनेक अनुष्ठान और कार्यक्रम होंगे।
समता कालोनी राधाकृष्ण मंदिर
समता कालोनी स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में हरियाली तीज से आकर्षक झूला सजाने का सिलसिला चल रहा है। जन्माष्टमी उत्सव का शुभारंभ प्रातः 9 बजे 101 लीटर दूध से अभिषेक किया जाएगा। दोपहर 12 बजे से प्रतिमा श्रृंगार दर्शन और शाम चार बजे कृष्ण झांकी दर्शन प्रारंभ होगा। आधी रात को जन्म उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। दूसरे दिन 27 अगस्त को दोपहर एक बजे से रानी सती दादी का मंगल पाठ प्रारंभ होगा जो शाम तक चलेगा।
खाटू श्याम मंदिर
समता कालोनी स्थित खाटू श्याम मंदिर में चांदी के सिंहासन पर विराजे श्याम सरकार का सफेद फूलों से श्रृंगार किया जाएगा। रात्रि में भजनों की प्रस्तुति होगी।
गोकुल चंद्रमा मंदिर
बूढ़ापारा स्थित गोकुल चंद्रमा मंदिर में पूरे सावन माह में अलग-अलग दिन काजू, किशमिश, बादाम, पान, मूंगफली, फूलों के अलावा चांदी-सोने के गहनों से झूले का श्रृंगार किया गया। जन्माष्टमी पर रात्रि में महाआरती के पश्चात प्रसाद वितरण होगा। 27 अगस्त को नंदोत्सव की धूम रहेगी। नंदबाबा खुशियां मनाएंगे। भोलेबाबा, भगवान कृष्ण के बाल रूप का दर्शन करने पहुंचेंगे।
जैतूसाव मठ
पुरानी बस्ती स्थित श्रीठाकुर रामचंद स्वामी जैतूसाव मठ की आकर्षक साजसज्जा की गई है।रात्रि आठ बजे से पं.लल्लू महाराज भजनों की प्रस्तुति देंगे। राधा-कृष्ण की झांकी सजेगी। रात्रि 12 बजे महाआरती की जाएगी।27 अगस्त को दोपहर एक बजे से राजभोग आरती, प्रसाद वितरण होगा। 11 क्विंटल मालपुआ, 51 किलो पंजरी का प्रसाद अर्पित किया जाएगा।