रायपुर

joharcg.com रायपुर में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में नक्सल प्रभावित राज्यों की अंतर राज्यीय समन्वय समिति की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उच्च अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य नक्सलवाद के खिलाफ समन्वित रणनीति बनाना और इससे निपटने के लिए संयुक्त प्रयासों को और अधिक सशक्त करना था।

बैठक की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी उपस्थित नेताओं और अधिकारियों का स्वागत किया और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी राज्यों के सहयोग की प्रशंसा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नक्सलवाद जैसी गंभीर समस्या से निपटने के लिए सभी राज्यों को मिलकर एक संगठित और समन्वित प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा, “नक्सलवाद केवल एक राज्य की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय चुनौती है, जिसे हमें एकजुट होकर हर हाल में समाप्त करना होगा।”

इस बैठक में नक्सल प्रभावित राज्यों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इन निर्णयों में सुरक्षा बलों की तैनाती, इंटेलिजेंस नेटवर्क को मजबूत करना, विकास कार्यों को तेज गति से आगे बढ़ाना और स्थानीय समुदायों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करना शामिल है। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि कैसे विभिन्न राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय और सूचना के आदान-प्रदान के माध्यम से नक्सलवाद को समाप्त किया जा सकता है।

बैठक के दौरान सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी समस्याओं और चुनौतियों को साझा किया और इस पर चर्चा की कि किस तरह से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है। केंद्रीय गृह मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि वहां के लोग मुख्य धारा में शामिल हो सकें और उनकी जीवनशैली में सुधार हो सके।

इस बैठक का समापन करते हुए अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों से अपील की कि वे नक्सलवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता को और भी मजबूत करें और इसे जड़ से खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करें। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार इस दिशा में राज्यों को हर संभव सहायता और समर्थन प्रदान करेगी।

केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में इस अंतर राज्यीय समन्वय समिति की बैठक से यह उम्मीद की जा रही है कि नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक नई ऊर्जा और रणनीति का संचार होगा। यह बैठक न केवल सुरक्षा बलों की रणनीति को मजबूत करेगी, बल्कि इससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को भी नई दिशा मिलेगी।

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