रायपुर

joharcg.com रायपुर: छत्तीसगढ़ के परंपरागत सांस्कृतिक राजधानी रायपुर में धूमधाम से निकली कावड़ियों की शोभायात्रा आज हुई। यह यात्रा हर साल हर श्रावण मास के शुक्ल पक्ष को चलाई जाती है और इसमें भगवान शिव की पूजा-अर्चना का समाहित होता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कावड़ियों को हरिद्वार और गंगोत्री से पानी लेकर आना पड़ता है और यह पानी भगवान शिव की जलाभिषेक की भावना से लिया जाता है। इस मेले के दौरान लाखों की संख्या में भक्त यह यात्रा ताय कांडे पर लेकर अपने कंधों पर भगवान शिव का जल लेकर रायपुर के प्रमुख मंदिर में चढ़ावा करते हैं।

कावड़ियों की यह शोभायात्रा रायपुर के राजमार्गों से विभिन्न नाच-गानों के साथ निकली। इस शोभायात्रा में महिलाएं और बच्चे भी उत्सव का हिस्सा बने। स्थानीय लोग भी इस यात्रा का आयोजन कर सहयोग किया। यह ऐतिहासिक कावड़ियों की शोभायात्रा छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करती है और साथ ही इसमें धार्मिक भावनाओं की प्रकटि होती है। इस यात्रा की महत्वपूर्णता को समझते हुए, हर साल लाखों भक्त इसमें भाग लेते हैं और अपनी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

रायपुर में आज धूमधाम से निकली कावड़ियों की शोभायात्रा ने लोगों में धार्मिक और सांस्कृतिक उत्साह भरा और इसे एक अद्भुत दृश्य में परिणामित किया। रायपुर में कावड़ियों की शोभायात्रा इस वर्ष भी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ निकाली गई। सैकड़ों श्रद्धालु शिव भक्त, पारंपरिक वेशभूषा में सजे हुए, कांवड़ यात्रा में भाग लेने के लिए एकत्रित हुए। इस भव्य आयोजन ने शहर के वातावरण को भक्तिमय बना दिया, और हर ओर भगवान शिव के जयकारों की गूंज सुनाई दी।

शोभायात्रा की शुरुआत भगवान शिव की महिमा का गुणगान करते हुए की गई। कावड़ियों ने अपने कंधों पर कांवड़ धारण कर शहर के प्रमुख मंदिरों में जल अर्पण करने के लिए यात्रा आरंभ की। रायपुर की सड़कों पर भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी इस यात्रा में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे थे। शोभायात्रा में शामिल कावड़िए रंग-बिरंगी पोशाकों में सजे थे, और कई जगहों पर वे भगवान शिव की भक्ति में झूमते हुए नृत्य कर रहे थे।

यात्रा के मार्ग में विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं द्वारा कावड़ियों के स्वागत के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। जगह-जगह पर भंडारे लगाए गए, जहां प्रसाद वितरण किया गया। ठंडे पेयजल, शर्बत और फलों का भी वितरण किया गया, ताकि कावड़ियों को यात्रा के दौरान कोई असुविधा न हो। शोभायात्रा के दौरान जगह-जगह पर सजावट और लाइटिंग की गई थी, जिससे यह आयोजन और भी भव्य नजर आ रहा था।

शोभायात्रा में भगवान शिव की विशाल प्रतिमाएं और शिवलिंग भी सजाए गए थे, जो इस यात्रा की शोभा को और बढ़ा रहे थे। विभिन्न कलाकारों द्वारा शिव तांडव और भजन की प्रस्तुतियां दी गईं, जिन्होंने भक्तों का मन मोह लिया। यात्रा के दौरान सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस बल और स्वयंसेवकों की टीम ने यात्रा को सुचारू रूप से संपन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस शोभायात्रा ने न केवल धार्मिक उत्साह को बढ़ाया, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी फैलाया। कांवड़ यात्रा के इस भव्य आयोजन ने रायपुर के नागरिकों के दिलों में एक खास जगह बना ली है, और हर साल की तरह इस साल भी यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

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