joharcg.com रायपुर में मिर्च की बम्पर पैदावार ने अमलू के आय में महत्वपूर्ण वृद्धि कर दी है, जिससे स्थानीय किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर है। इस साल मिर्च की फसल ने रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन के आंकड़े दर्ज किए हैं, जिसने अमलू क्षेत्र के किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर दिया है। मिर्च की इस बम्पर पैदावार से क्षेत्रीय किसान लाभान्वित हुए हैं। फसल की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार हुआ है, जिससे बाजार में मिर्च की कीमतें स्थिर रही हैं और किसानों को अच्छा मुनाफा मिल रहा है। मिर्च की अधिक आपूर्ति ने बाजार में प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ाया है, जिससे किसानों को उचित मूल्य प्राप्त हो रहा है।
अमलू के किसानों ने इस सफलता का श्रेय सही कृषि प्रबंधन, उन्नत तकनीकों, और उचित सिंचाई सुविधाओं को दिया है। किसानों ने इस साल मिर्च की बम्पर फसल के लिए विभिन्न आधुनिक कृषि विधियों का उपयोग किया, जिसमें पौधों की देखभाल, रोग नियंत्रण, और उर्वरकों का सही प्रयोग शामिल है।
इस बम्पर पैदावार के कारण अमलू की आय में हुई वृद्धि ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। बढ़ी हुई आय से किसानों ने अपने जीवन स्तर में सुधार किया है और स्थानीय व्यापार और सेवाओं में भी वृद्धि देखी गई है।
स्थानीय प्रशासन और कृषि विभाग ने किसानों को इस सफलता के लिए सराहा है और उन्हें प्रोत्साहित किया है कि वे भविष्य में भी इसी तरह की सफलताएं प्राप्त करें। साथ ही, क्षेत्र में कृषि सुधारों और समर्थन योजनाओं के विस्तार की दिशा में भी काम किया जा रहा है।
मिर्च की बम्पर पैदावार ने अमलू के किसानों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है और उन्हें आने वाले दिनों में भी बेहतर फसल की उम्मीद जताई है। इस सफलता के बाद, अन्य क्षेत्रीय किसानों ने भी मिर्च की खेती पर ध्यान केंद्रित किया है, जिससे क्षेत्र में कृषि विकास की नई संभावनाओं का द्वार खुल रहा है।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विकासखण्ड शंकरगढ़ के ग्राम लरंगी के प्रगतिशील कृषक श्री अमलू के पास 02 एकड़ खेत है और इनका पारिवारिक पेशा खेती-बाड़ी है। श्री अमलू परम्परागत् तरीके से खेती करते थे, पर विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं एवं उन्नत तकनीकी ज्ञान के अभाव में उत्पादन इतना कम होता था कि परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो जाता था। इसके अलावा भविष्य की पारिवारिक जिम्मेदारियां भी अंधकारमय दिखाई दे रहीं थी। अमलू कहता है कि मिर्च की खेती करने से मेरे आय के स्त्रोत में बढ़ोत्तरी होने पर मेरी आर्थिक स्थिति में सुधार आ रही है। श्री अमलू के इस जुनून को देखते हुए आस-पास के कृषक भी उद्यानिकी फसल को अपनाने हेतु प्रेरित हो रहे हैं।
श्री अमलू अपनी आय को बढ़ाने के लिए एक दिन विकासखण्ड के उद्यानिकी विभाग गया तथा अधिकारियों से सम्पर्क कर खेती की उन्नत तकनीक के बारे में चर्चा की। उन्हें बताया गया कि विकासखण्ड में संचालित राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजनांतर्गत प्रशिक्षण एवं भ्रमण कार्यक्रम आयोजन किया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेकर अमलू ने सब्जी उत्पादन के साथ-साथ अंतरवर्ती फसल करने का निर्णय लिया। उन्होंने उद्यान विभाग से मिर्च बीज प्राप्त कर अपने 02 एकड़ खेत में मिर्च की खेती की, जिसके लिए 80 हजार रूपये खर्च करना पड़ा। साथ ही उद्यान विभाग द्वारा उन्हें मिर्च की खेती करने के लिए 20 हजार रुपये का अनुदान भी प्राप्त हुआ।