joharcg.com एक खेल आयोजन के दौरान प्रिंसिपल की एक छात्रा पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने भारी हंगामा खड़ा कर दिया। घटना उस वक्त की है जब स्कूल में खेल प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा था और छात्र-छात्राएं उत्साह से भाग ले रहे थे। लेकिन इसी बीच, प्रिंसिपल ने एक लड़की पर ऐसी टिप्पणी कर दी, जिससे वहां मौजूद ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा।
गुस्से में आगबबूला ग्रामीणों ने तुरंत ही प्रिंसिपल को घेर लिया और उनकी टिप्पणी का विरोध किया। मामला इतना बढ़ गया कि ग्रामीणों ने प्रिंसिपल को एक कमरे में बंद कर दिया और उनकी जमकर पिटाई की। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को काबू में किया।
ग्रामीणों का कहना था कि प्रिंसिपल द्वारा की गई टिप्पणी न केवल अनुचित थी, बल्कि यह एक लड़की के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की टिप्पणियां स्कूल के माहौल को खराब करती हैं और छात्राओं को असुरक्षित महसूस कराती हैं।
घटना के बाद पुलिस ने प्रिंसिपल को ग्रामीणों के कब्जे से छुड़ाया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। मामले की जांच की जा रही है, और यह देखा जा रहा है कि प्रिंसिपल की टिप्पणी वाकई आपत्तिजनक थी या नहीं। वहीं, ग्रामीणों ने भी प्रिंसिपल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
यह घटना इस बात को उजागर करती है कि कैसे शैक्षणिक संस्थानों में अनुचित व्यवहार या टिप्पणियां बड़े विवाद का कारण बन सकती हैं। साथ ही, यह मामले शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के मुद्दों को फिर से चर्चा में ला देता है।
राजस्थान के बूंदी जिले में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल को पुलिस ने स्कूल में खेल आयोजन के दौरान एक लड़की पर कथित तौर पर भद्दी टिप्पणी करने के आरोप में हिरासत में लिया है. पुलिस का कहना है कि शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
पुलिस के मुताबिक, यह घटना सोमवार को स्कूल में खेल आयोजन के दौरान हुई. आरोपी की पहचान सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल श्योजी लाल मीना के रूप में हुई है. 12वीं कक्षा की छात्रा पीड़िता ने श्योजी लाल मीणा पर उसके साथ दुर्व्यवहार करने और बार-बार भद्दी टिप्पणी करने का आरोप लगाया है. पीड़िता के आरोपों के बाद स्थानीय लोग परिसर के आसपास इकट्ठा हो गए और मीणा को स्कूल के एक कमरे में बंधक बना लिया. इसके बाद ग्रामीणों ने प्रिंसिपल की पिटाई की.
नैनवां थाने के एसएचओ महेंद्र यादव ने बताया कि उन्होंने तब तक उसकी पिटाई की, जब तक पुलिस ने हस्तक्षेप करके उसे हिरासत में नहीं ले लिया. एसएचओ महेंद्र यादव ने आगे बताया, शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. मामले की आगे की जांच जारी है. इस बीच बूंदी के जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र व्यास ने बताया कि मामले की विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है.