राष्ट्रपति मुर्मू

joharcg.com 10 फरवरी 2025 को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रयागराज महाकुंभ में भाग लिया और त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई। यह आयोजन देशभर के लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है। महाकुंभ में राष्ट्रपति का यह दौरा खास माना जा रहा था, क्योंकि उन्होंने न केवल धार्मिक परंपराओं का पालन किया बल्कि इस सांस्कृतिक और धार्मिक मेला के माध्यम से भारत की आस्था और विविधता का सम्मान भी किया।

राष्ट्रपति मुर्मू के साथ इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कई अन्य प्रमुख राजनीतिक हस्तियां भी मौजूद थीं। त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने के बाद, राष्ट्रपति ने माघ मेले के आयोजकों से मुलाकात की और आस्था और संतुलन की इस अद्भुत परंपरा को बनाए रखने की सराहना की।

महाकुंभ, जिसे हिन्दू धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक माना जाता है, प्रत्येक बारह वर्ष में आयोजित होता है और यह लाखों श्रद्धालुओं को एक साथ लाता है। इस बार, महाकुंभ में विशेष ध्यान सुरक्षा, सफाई और सार्वजनिक सुविधा पर दिया गया है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बन सकें।

राष्ट्रपति मुर्मू ने डुबकी लगाने के बाद संन्यासियों और साधुओं से भी बातचीत की और उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति और परंपरा को जीवित रखने का एक सशक्त माध्यम है, जो भारत की एकता और विविधता की प्रतीक है।

इस धार्मिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ने सभी भारतीयों को संयम, सद्भाव और सामाजिक समरसता का संदेश दिया। उन्होंने आस्था, विश्वास और भारतीयता के प्रतीक महाकुंभ को लेकर अपार श्रद्धा और सम्मान व्यक्त किया।

राष्ट्रपति मुर्मू की उपस्थिति ने महाकुंभ की धार्मिकता और महत्ता को और बढ़ाया, साथ ही यह ऐतिहासिक पल भारतीय समाज के एकजुटता और विविधता के प्रतीक के रूप में याद रखा जाएगा।

प्रयागराज। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाकुंभ 2025 के अवसर पर सोमवार पूर्वान्ह गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन त्रिवेणी पर आस्था की डुबकी लगायी और राष्ट्र की सुख समृद्धि की कामना की। श्रीमती मुर्मू ने संगम में डुबकी लगाने से पहले राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ जेटी पर कलरव कर रहे साइबेरियन पक्षियों को दाना चुगाया। उसके बाद वह संगम में उतर कर आचमन किया और सूर्य को अर्घ्य दिया और पवित्र जल को मस्तक से लगाया। उसके बाद उन्होंने अपने हाथ से मां गंगा को पुष्प और नारियल अर्पित किया।

स्नान के बाद तीर्थ पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राष्ट्रपति से जेटी पर ही पूजन कराया। राष्ट्रपति ने पूजा के समय गुलाबी रंग की साड़ी पहन रखी थी। राष्ट्रपति के साथ प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी संगम में पुण्य स्नान किया। उन्होंने भी संगम में पुष्प अर्पित किया। राष्ट्रपति का संगम स्नान के बाद अक्षय वट और लेटे हनुमान जी के दर्शन आदि का भी कार्यक्रम है।

आज सुबह आठ बजे तक 46.19 लाख श्रद्धालुओं ने किया स्नान
महाकुंभ में 10 फरवरी को सुबह आठ बजे तक कल्पवास में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु और वहीं 36.19 लाख यात्री पहुंचे। आज सुबह आठ बजे तक 46.19 लाख श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। वहीं बीती 9 फरवरी तक 43.57 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं।

9 फरवरी तक संगम में 43.57 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया स्नान
महाकुंभ में बीती 9 फरवरी को रात आठ बजे तक कल्पवास में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु और वहीं 1.47 करोड़ यात्री पहुंचे। बीते रविवार को रात आठ बजे तक 1.57 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया। 9 फरवरी तक संगम में 43.57 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया।

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