joharcg.com भारतीय डाक विभाग ने झारखंड के आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर एक विशेष डाक टिकट जारी किया। यह डाक टिकट बिरसा मुंडा के अद्वितीय योगदान और उनके नेतृत्व में आदिवासी समुदाय द्वारा किए गए संघर्ष को सम्मानित करने के लिए जारी किया गया है।
इस विशेष डाक टिकट का विमोचन केंद्रीय मंत्री [नाम] ने किया, जिसमें उन्होंने बिरसा मुंडा के जीवन और उनकी साहसिकता को याद किया। मंत्री ने कहा, “बिरसा मुंडा ने अपनी पूरी जिंदगी आदिवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी के लिए समर्पित की। उनका संघर्ष और नेतृत्व आज भी हमें प्रेरित करता है। इस डाक टिकट के माध्यम से हम उनके योगदान को सम्मानित कर रहे हैं।”
बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 को हुआ था, और वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण नेताओं में से एक माने जाते हैं। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आदिवासी समुदाय को संगठित किया और उन्हें उनकी सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता के लिए जागरूक किया। उनके नेतृत्व में ‘उलगुलान’ (उद्गुलान) जैसे आंदोलन हुए, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुए।
डाक टिकट में बिरसा मुंडा की चित्रण के साथ-साथ उनके योगदान और संघर्ष को दर्शाने वाली अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी शामिल की गई है। यह डाक टिकट विशेष रूप से संग्रहणीय माना जाएगा और देशभर में डाकघर में उपलब्ध रहेगा।
बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रमों और समारोहों के माध्यम से मनाया जा रहा है, और यह डाक टिकट उनके जीवन और संघर्ष को याद करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। डाक विभाग ने इस पहल के माध्यम से बिरसा मुंडा को एक सशक्त प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
इस विशेष डाक टिकट की जारी होने से न केवल उनकी उपलब्धियों को श्रद्धांजलि दी गई है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को उनके आदर्शों से प्रेरित करने का एक जरिया भी बनेगा।
नई दिल्ली 16 नवम्बर 2024। जनजातीय गौरव दिवस पर भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देते हुए, डाक विभाग ने महान आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी को सम्मानित करने के लिए उनकी 150वीं जयंती के अवसर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। इस डाक टिकट को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के जमुई में आयोजित एक भव्य समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति में जारी किया।
15 नवंबर 1875 को बिहार (वर्तमान झारखंड) के उलिहातु में जन्मे बिरसा मुंडा ने 1899 से 1900 तक ऐतिहासिक उलगुलान (महान विद्रोह) का नेतृत्व किया, जिसमें आदिवासी भूमि को पुनः प्राप्त करने और औपनिवेशिक उत्पीड़न का विरोध करने के लिए उन्होंने हजारों लोगों को एकजुट किया। “मुंडा राज” के लिए उनका समर्थन शोषण से मुक्त एक न्यायपूर्ण और स्व-शासित समाज के उनके सपने का प्रतीक थी। 25 वर्ष की आयु में ही वे इस दुनिया को छोड़कर चले गए थे, लेकिन उनका साहस और प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति का उनका संदेश पूरे देश में समुदायों को आज भी प्रेरित करता है।
श्री शंख सामंत द्वारा डिजाइन किए गए इस डाक टिकट में भगवान बिरसा मुंडा का एक शक्तिशाली चित्रण है, जिसकी पृष्ठभूमि में उन्हें अपने अनुयायियों को संबोधित करते हुए दिखाया गया है। उनकी दृढ़ अभिव्यक्ति आदिवासी एकता, सशक्तिकरण और स्वशासन के लिए उनके अटूट विजन का प्रतीक है। यह स्मारक डाक टिकट भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके महान योगदान और आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता के लिए एक कालातीत श्रद्धांजलि है।
स्मारक डाक टिकट, फर्स्ट डे कवर (एफडीसी) और ब्रोशर के साथ, संग्रहणीय वस्तु के रूप में उपलब्ध है, जो भारत की स्वतंत्रता में भगवान बिरसा मुंडा के अमूल्य योगदान और आदिवासी समुदायों पर उनके स्थायी प्रभाव का जश्न मनाता है। अपना संग्रह अभी प्राप्त करने के लिए https://www.epostoffice.gov.in/ पर जाएँ।Lakhan Lal Dewangan Archives – JoharCG